भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (kamalnath) ने निर्णय लिया है कि कांग्रेस (congress) उन्हीं लोगों को पार्षद का टिकट (ticket) देगी जो उस वार्ड में रहता है और वार्ड का मतदाता है। कमलनाथ के इस निर्णय से कांग्रेस के आम कार्यकर्ता में खुशी का माहौल है। वहीं वर्षों से नगर नेतागिरी कर रहे कुछ लोगों में मायूसी छाई हुई है।
मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनावों (MP Urban body election) की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और पार्टियों से टिकट पाने के लिए एक वार्ड से दर्जन दर्जन भर नेता ताल ठोक कर सामने आ गए हैं। दरअसल इस पूरे मामले में विसंगति यह रहती है कि पहले से स्थापित नेता यदि उनका वार्ड किसी अन्य वर्ग के लिए आरक्षित हो जाता है तो वह पड़ोस के वार्ड में कूद जाते हैं। ऐसे में नए दावेदारों की दावेदारी धरी रह जाती है।
Read More : पुरानी पेंशन योजना पर बड़ी अपडेट, राज्य सरकार की नई तैयारी, इन कर्मचारियों को मिल सकता है लाभ
लेकिन इस बार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने निर्णय लिया है कि कांग्रेस उन्हें ही प्रत्याशी बनाएगी जो व्यक्ति जिस वार्ड में रहता है और उसी वार्ड का मतदाता है। किसी भी उम्मीदवार का वार्ड परिवर्तित नहीं होगा। सभी नगर पालिका निगम, नगर पालिका परिषद के प्रभारी गण और अध्यक्ष सहित सभी शहर जिला कांग्रेस कमेटियों को इस बात के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।
कमलनाथ के इस निर्णय का अधिकांश लोगों ने स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे जमीनी स्तर पर काम कर रहे नए लोगों को काम करने का मौका मिलेगा और राजनीति को अपनी बपौती मान चुके लोगों से छुटकारा भी मिलेगा। वहीं दूसरी ओर ऐसे कुछ लोग मायूस हैं जो वर्षों से निगम में पार्षद या किसी अन्य पद पर रहे हैं लेकिन अब कमलनाथ के इस निर्णय के चलते वे वार्ड नहीं बदल पाएंगे। और इस तरह उनकी दावेदारी नहीं हो पाएगी।