MPPEB MPESB MPTET : अरुण यादव ने जताई शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी की आशंका, बोले- 7500 भर्ती का विज्ञापन, अभी तक नियुक्ति सिर्फ 5500 को

अरुण यादव

MPPEB MPESB MPTET VARG 3 : मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित परीक्षाओं में गड़बड़ी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है। पटवारी भर्ती परीक्षा के बाद अब शिक्षक भर्ती विवादों में घिर गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने प्राथमिक शिक्षक भर्ती वर्ग 3 में गड़बड़ी की आशंका जाहिर की है, जबकी हाल ही में 10 अगस्त को इस परीक्षा से चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति के आदेश जारी हुए है। बता दे कि प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के 7,429 व जनजातीय कार्य विभाग के 11,098 पदों पर संयुक्त भर्ती होनी है।

शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी की आशंका-अरूण यादव

दरअसल, पूर्व मंत्री और सीनियर कांग्रेस नेता अरुण यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि शिक्षक भर्ती में फ़िर से गड़बड़ी ? सरकार ने मई 2, 2023 को 7500 शिक्षक भर्ती वर्ग 3 का विज्ञापन निकला । रिटेन क्लीयर करने के बाद काउंसिलिंग के लिए 6500 से अधिक चयनित शिक्षकों को बुलाया। यानी विज्ञापन से 1000 कम । फ़िर अगस्त 10, 2023 को निकाले एक आदेश के अनुसार अभी तक जिलेवार नियुक्ति सिर्फ 5500 शिक्षकों की हुई ।

कांग्रेस नेता अरुण यादव ने ट्वीट कर आगे लिखा है कि चयनित शिक्षक इस बात से परेशान है कि आखिर सरकार ने 2000 पदों का क्या किया ? चयनित शिक्षकों को इसका जवाब देने को कोई तैयार नहीं है ।वही ट्वीट के अंत में यादव ने #MPTET_VARG_3 #VARG3 यूज किया है।

बीते साल सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे पेपर

बता दे कि यह पहला मौका नहीं है, जब शिक्षक भर्ती विवादों में आई है। इससे पहले पिछले साल प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2020 (MP TET) के एग्जाम के दौरान सोशल मीडिया पर पेपर वायरल हो गए थे, जिस पर कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया था। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, पीसी शर्मा सहित कई नेताओं ने ट्वीट कर इस मामले की जांच कराने की मांग की थी।वही अरुण यादव ने भी ट्वीट कर लिखा था कि व्यापम घोटाला जारी है, क्योंकि जब तक शिवराज जी मुख्यमंत्री रहेंगे व्यापमं के माध्यम से होने वाली भर्तियां में भ्रष्टाचार जारी रहेगा। शिक्षक वर्ग 3 के एग्जाम चल रहे हैं और पेपर मोबाइल पर आ गया। इस घटना की उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए जिससे दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो सके।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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