भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) ने आदेश जारी किया है कि अनुकंपा नियुक्ति (Compassionate appointment) के तहत बिना पात्रता परीक्षा (Eligibility Test) पास किए ही प्रयोगशाला शिक्षक (Teacher) के पद पर नियुक्ति दे दी जाएगी। वही दूसरी तरफ शासकीय स्कूल (Government School) में शिक्षकों की कमी होने के बावजूद शिक्षक पात्रता परीक्षा ( Teacher Eligibility Test ) उत्तीर्ण कर चुके अभ्यर्थियों को दो साल बीत जाने के बावजूद अबतक नियुक्ति (recruitment) नहीं मिली है। इसके बदले अतिथि शिक्षकों से काम लिया जा रहा है।
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दरअसल, 2018 में तत्कालीन शिवराज सरकार (Shivraj Government) ने मप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 (MP Teacher Eligibility Test 2018) का आयोजन किया था ।इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग एवं आदिम जाति कल्याण विभाग (Tribal Welfare Department) ने शासकीय स्कूलों में उच्च एवं माध्यमिक शिक्षकों के रिक्त पदों पर शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (PEB) द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा एक फरवरी 2019 से 10 मार्च 2019 तक संयुक्त रूप से आयोजित की गई थी।
इसमें स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत 17,000 उच्च माध्यमिक शिक्षकों के पद , 5,670 माध्यमिक शिक्षकों के पद और आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 2,220 एवं माध्यमिक शिक्षकों के 5,704 पदों के लिए पात्रता परीक्षा आयोजित की गई थी। इसके बाद मध्यप्रदेश में दो बार हुए सत्ता के उलटफेर और उपचुनाव के चलते पूरी प्रक्रिया अधर में लटक गई, जो अबतक पूरी नहीं हो पाई है।इसको लेकर उम्मीदवारों कई बार विरोध-प्रदर्शन और धरना कर अपना विरोध जता चुके है।
यहां तक की मप्र शिक्षक पात्रता संघ (MP Teacher Eligibility Association) द्वारा पीईबी (PEB) को ज्ञापन भी सौंप दिया गया है और स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (School Education Minister Inder Singh Parmar) और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) के सामने गुहार तक लगा चुके है, बावजूद इसके अबतक ना तो आदिम जाति कल्याण विभाग ने रोस्टर जारी किया है ना ही स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सत्यापन प्रक्रिया शुरु की गई है। सरकार की इस लापरवाही से 30,574 भावी शिक्षकों का भविष्य अधर में लटक गया है।
कमलनाथ भी दो बार पत्र लिख चुके है
इस संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ (Kamal Nath) ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) को भी दो बार पत्र लिख चुके है और मांग कर चुके है कि 30 हजार से अधिक शासकीय स्कूलों (Government School) में चयनित शिक्षकों (Teachers) की भर्ती प्रक्रिया (Teacher Recruitment) को तत्काल शुरू किया जाए।
ऐसे चली थी प्रदेश में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया
- 10 सितंबर 2018 को विज्ञापन जारी हुआ
- 1 से 11 फरवरी तक चली उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा
- 16 फरवरी से 10 मार्च तक माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा
- 28 अगस्त को उच्च माध्यमिक शिक्षक रिजल्ट आया
- 26 अक्टूबर को माध्यमिक शिक्षक का रिजल्ट आया
- 1 जुलाई से उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती के लिए सत्यापन प्रक्रिया शुरू हुई।
- 4 जुलाई को लोक शिक्षक संचालनालय ने परिवहन की समस्या बताकर इस प्रक्रिया को तीन दिन बाद ही रोक दिया गया, जो अबतक रुकी हुई है।