दरअसल, आज केन्द्रीय खाद्य प्र-संस्करण उद्योग, कृषि एवं पंचायतीराज व ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ग्वालियर में आयोजित खाद्य प्र-संस्करण शिखर सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित करने पहुंचे थे, जहां उन्होंने यह बात कहीं। तोमर ने कहा कि ग्वालियर– चंबल अंचल (Gwalior – Chambal Zone) खाद्य प्र-संस्करण इकाइयों की स्थापना के लिहाज से अपार संभावनाओं वाला क्षेत्र है। इनका दोहन कर इस क्षेत्र के छोटे और मझौले किसानों की आर्थिक स्थिति को सशक्त किया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि आत्म-निर्भर पैकेज के तहत भारत सरकार ने फूड प्रोसेसिंग की 10 हजार छोटी इकाइयों की स्थापना में मदद देने का निर्णय लिया है। साथ ही कृषि अधोसंरचना पर भी सरकार एक लाख करोड़ रूपए खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि ग्वालियर-चंबल अंचल सांस्कृतिक, पुरातात्विक, व्यापारिक क्षेत्र के साथ ही कृषि के क्षेत्र में भी समृद्ध है। यहाँ गेहूँ और धान का उत्पादन तो अच्छा होता ही है दलहन और तिलहन विशेषकर सरसों के उत्पादन, प्र-संस्करण की भी अपार संभावनाएँ हैं। मुरैना, भिण्ड और ग्वालियर में तिलहन प्र-संस्करण के कई उद्योग सुचारू रूप से चल रहे हैं।
केन्द्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि मुरैना (Morena) जिला शहद की दृष्टि से भी अग्रणी है। नेफेड ने शहद का एक एफपीओ बनाया है। जिसके माध्यम से गुणवत्ता युक्त शहद उत्पादन में वृद्धि, बेहतर पैकेजिंग-मार्केटिंग हो पाएगी। यहाँ का शहद देश के साथ दुनिया में भी बिके, इसका प्रयास किया जा रहा है।
10 हजार नए FPO पर सरकार 6 हजार 865 करोड़ खर्च करेगी
केन्द्रीय मंत्री तोमर ने शिखर सम्मेलन में बताया कि किसानों की समृद्धि के लिये भारत सरकार (Indian Government) 10 हजार नए FPO (किसान उत्पादक संगठन) बनायेगी। इन एफपीओ पर सरकार द्वारा 6 हजार 865 करोड़ रूपए खर्च किए जायेंगे। एफपीओ यदि खेती के लिए 2 करोड़ रुपए तक का ऋण लेते हैं तो उन्हें ब्याज में 3 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। देश में 86 प्रतिशत छोटे किसान हैं।
इन किसानों को उन्नत कृषि तकनीक से जोड़ने और कृषि जोखिम कम करने के लिये सरकार भरपूर मदद कर रही है। इसी कड़ी में सरकार ने 10 करोड़ किसानों के खातों में एक लाख 18 हजार करोड़ की धनराशि जमा कराई है। इस प्रकार सरकार हर छोटे किसान को अतिरिक्त आमदनी के रूप में 6 हजार रूपए दे रही है। सरकार ने किसानों की उपज को सुरक्षित रखने और वाजिब दाम दिलाने के लिये गाँव-गाँव तक कोल्ड चैन बनाने का फैसला भी किया है।
किसान आत्म-निर्भर बनेंगे तो देश आत्म-निर्भर बनेगा : राज्य मंत्री कुशवाह
‘मध्यप्रदेश में कृषि एवं खाद्य प्र-संस्करण के अवसर और समावेशी विकास के लिये निर्माण साझेदारी’ पर शुक्रवार को हुए इस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता मध्यप्रदेश उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह (Bharat Singh Kushwaha) ने कहा कि किसान आत्म-निर्भर बनेंगे तो देश आत्म-निर्भर बनेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के आत्म-निर्भर भारत (Aatmanirbhar Bhaarat) के सपने को साकार करने के लिये मध्यप्रदेश सरकार (MP Government) आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के तहत किसानों को भी आत्म-निर्भर बनाने में जुटी है। राज्य सरकार पाँच साल में 10 हजार 500 फूड प्रोसेसिंग इकाइयाँ स्थापित करायेगी।
कुशवाह ने कहा कि इसमें से 262 इकाइयों को मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान ही मदद दी जायेगी। प्रदेश सरकार की केबिनेट (Cabinet Meeting) ने हाल ही में फूड प्रोसेसिंग के लिये 500 करोड़ रूपए का अनुदान देने का फैसला किया है। प्रदेश सरकार खेत व मंडी से लेकर बाजार तक किसानों की फसल को सुरक्षित रखने और फसल के वाजिब दाम दिलाने के लिये कोल्ड स्टोर की चैन स्थापित कर रही है। प्रदेश सरकार द्वारा एक जिला एक उत्पाद के तहत भी उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें ग्वालियर जिले को आलू उत्पादन, शिवपुरी (Shivpuri) को टमाटर व श्योपुर (Seopur) को अमरूद के लिये चुना है।