नरोत्तम मिश्रा का तंज- कमलनाथ के हाथ में ट्रांसफर-पोस्टिंग का फरमान, दिल में जैकलीन-सलमान

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के गृह एवं जेल मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) के उस बयान पर तंज कसा है जिसमें कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) को निशाना बनाया था और कहा था कि वे दोनों हाथों में नारियल लेकर चल रहे हैं।

दरअसल, कमलनाथ का इशारा पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किए गए विभिन्न विकास कार्यों को लेकर था जिनमें से ज्यादातर उन क्षेत्रों में किए गए जहां पर उपचुनाव होने हैं। लगभग हर विधानसभा क्षेत्र में हजारों करोड़ों रुपए की सौगात देने की घोषणा के साथ-साथ नारियल के माध्यम से विकास कार्यों का शिलान्यास भी किया गया था। इसी बात को लेकर कमलनाथ ने कहा था कि शिवराज दोनों हाथ में नारियल लेकर चलते हैं लेकिन दुख की बात यह है कि वह सारी की सारी घोषणाये ही रहती हैं और यथार्थ रूप नहीं ले पाती । डॉ नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि पौराणिक ग्रंथों को उठाकर देखा जाए तो आसुरी शक्तियों को पूजन सामग्री से डर लगता था और कमलनाथ का भय भी कुछ ऐसा ही प्रतीत होता है।

दरअसल कांग्रेसियों के हाथ में ट्रांसफर (Transfer) और पोस्टिंग (Posting) का फरमान और दिल में जैकलीन सलमान बसे हैं तो उन्हें विकास कार्यों की याद ही कैसे आएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा आमने सामने आकर 15 महीने बनाम 15 साल के कामों के चैलेंज दिए जाने के सवाल पर नरोत्तम बोले कि कमलनाथ पहले एक काम तो बता दें जो 15 महीने में उन्होंने जनहित का किया हो ,आमने-सामने बहस की बात तो बहुत दूर है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) द्वारा ट्रैक्टर रैली निकाले जाने पर उन्होंने तंज कसा कि पहली बार ब्रांडेड जूते कपङे और बिसलरी की बोतल और सोफा कम ट्रैक्टर के साथ कोई किसान निकला है जिसे शायद यह भी नहीं पता कि आलू जमीन में लगता है या पेड़ पर ।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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