नरोत्तम का वार-“कश्मीरी पंडितों के मन में भय पैदा कर रहे दिग्विजय”

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। धारा 370 को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह द्वारा दिए गए बयान पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने दिग्विजय के बयान को लेकर उनको आड़े हाथों लिया है।

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दिग्विजय सिंह और विवादों का आपस में गहरा नाता है। दो दिन पहले उनकी क्लब चैट में हुई बातचीत का ऑडियो क्या वायरल हुआ, पूरे देश में उनके खिलाफ बयानों की बाढ़ सी आ गई। ऑडियो में दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस की सरकार आने पर धारा 370, जिसके तहत कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा प्राप्त था, की बहाली पर पुनर्विचार करने की बात कही है। बीजेपी की सरकार ने केंद्र में दूसरी बार सत्ता में आने के बाद सबसे पहले कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करते हुए उसे जम्मू, कश्मीर और लद्दाख तीन भागों में बांट दिया था। दिग्विजय के इस बयान पर कांग्रेस भी सकते में आ गई और नेताओं ने बहुत संभल संभल कर बयान देने शुरू कर दिए।

वहीं दूसरी ओर बीजेपी की तरफ से इस पूरे मामले में दिग्विजय सिंह को पाक परस्त और देश विरोधी बताने की पुरजोर कोशिश की गई। बात यहीं तक नहीं थमी और दिग्विजय के छोटे भाई और कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह तक ने अपने भाई के बयान से असहमति जता दी। इतना ही नहीं, लक्ष्मण सिंह की पत्नी रुबीना शर्मा सिंह ने भी दिग्विजय के इस बयान को व्यर्थ का दुर्भाग्यपूर्ण बयान ठहरा दिया। अब प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने दिग्विजय के इस बयान को उनकी सोची रणनीति का हिस्सा बताया है। नरोत्तम का कहना है कि दरअसल धारा 370 के समाप्त होने के बाद जिस तरह से कश्मीरी पंडितों ने वापस कश्मीर लौटना शुरू कर दिया और वहां पर हिंदुओं ने तेजी के साथ व्यापारिक गतिविधियों में भाग लेना शुरू किया, दिग्विजय सिंह को यह रास नहीं आया। अब दिग्विजय वहां बसने जा रहे हिंदुओं और विशेषकर कश्मीरी पंडितों के मन में एक बार फिर यह भय पैदा करना चाहते हैं कि अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो धारा 370 वापस बहाल कर दी जाएगी जिससे वे वहां जाकर नहीं बसे। कुल मिलाकर इस बयान को लेकर दिग्विजय की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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