राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस : आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का दिन, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की स्मृति को समर्पित

राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस सिर्फ राजीव गांधी की शहादत को श्रद्धांजलि देने का दिन नहीं है, बल्कि आतंकवाद जैसी वैश्विक चुनौती के विरुद्ध आवाज़ उठाने का अवसर भी है। ये दिन हमें याद दिलाता है कि आतंक के खिलाफ लड़ाई सिर्फ सुरक्षा बलों की नहीं, बल्कि हर जागरूक नागरिक की जिम्मेदारी है। आज शांति, एकता और मानवीय मूल्यों की रक्षा का संकल्प लेने का दिन है..एक ऐसा अवसर जब हम नफरत के बजाय इंसानियत को चुनने का प्रण लें।

आज “राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस” है। ये दिन न सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने का अवसर है, बल्कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि के रूप में भी मनाया जाता है जिनकी 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक आतंकी हमले में हत्या कर दी गई थी। इस दिन का उद्देश्य समाज में शांति, एकता, प्रेम और सद्भाव को बढ़ावा देने के साथ ही आतंकवाद के विनाशकारी प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक करना है।

आज सीएम डॉ. मोहन यादव ने शहीदों को नमन करते हुए X पर लिखा है कि ‘आतंकवाद से देश की रक्षा के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले अमर शहीदों को राष्ट्रीय आतंक विरोधी दिवस पर सादर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। हम सभी देशवासियों की अटूट एकता, मातृभूमि के लिए समर्पण और सतर्कता से आतंकवाद को नेस्तनाबूद किया जा सकता है। हम सभी इस लक्ष्य को अवश्य प्राप्त करेंगे।’

राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस

भारत में हर साल 21 मई को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की स्मृति में राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया जाता है। 1991 में इसी दिन एक आत्मघाती बम विस्फोट में उनकी हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद तत्कालीन वी.पी. सिंह सरकार ने इक्कीस मई को राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। इस दिन का उद्देश्य आतंकवाद के खतरों के प्रति जनता को जागरूक करना और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करना है।

आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का संकल्प

ये दिन हमें याद दिलाता है कि आतंकवाद न सिर्फ एक व्यक्ति या समुदाय का, बल्कि पूरी मानवता का दुश्मन है। इस दिन को मनाने से समाज में शांति, सद्भाव और एकता की भावना को बढ़ावा मिलता है। साथ ही यह हमें इस बात का संकल्प लेने की प्रेरणा भी देता है कि हम आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होंगे और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ये दिन आतंकवाद के दुष्प्रभावों को उजागर करने, शांति और मानवता का संदेश फैलाने और समाज में एकता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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