National Flag Day 2024 : आज राष्ट्रीय ध्वज अंगीकरण दिवस है। राष्ट्रीय ध्वज दिवस पर स्वतंत्रता और एकता के प्रतीक भारत के तिरंगे का जश्न मनाया जाता है। 1947 में आज ही के दिन भारत की संविधान सभा ने राष्ट्रीय ध्वज को अपनाया था। यह हमारे इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन था और तिरंगे को अपनाना औपनिवेशिक शासन से मुक्त एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित होने की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण था। आज के दिन सीएम डॉ मोहन यादव ने सभी को बधाई दी है।
भारत में राष्ट्रीय ध्वज अंगीकरण दिवस हर साल 22 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिन 1947 में भारतीय संविधान सभा द्वारा तिरंगे को स्वतंत्र भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अंगीकृत किया गया था। यह दिवस हमारे राष्ट्रीय ध्वज के महत्व को समझने और उसकी महत्ता को सम्मान देने का दिन है।
राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के इतिहास में कई परिवर्तन हुए हैं। इसका पहला संस्करण 1906 में फहराया गया था। समय के साथ, ध्वज में कई बदलाव आए, जो स्वतंत्रता संग्राम के विभिन्न चरणों को दर्शाते थे। 1921 में महात्मा गांधी ने एक ध्वज का प्रस्ताव रखा, जिसमें तीन रंग शामिल थे: सफेद, हरा, और लाल। 1931 में वर्तमान तिरंगे का स्वरूप प्रस्तावित किया गया, जिसमें केसरिया, सफेद, और हरे रंग के साथ बीच में चरखा था। अंततः, 22 जुलाई 1947 को, संविधान सभा ने तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में स्वीकार किया, जिसमें चरखे की जगह अशोक चक्र ने ली।
तिरंगे का प्रतीकात्मक अर्थ
भारत का राष्ट्रीय ध्वज तीन रंगों का है: केसरिया, सफेद और हरा। प्रत्येक रंग का अपना विशेष महत्व है।
- केसरिया (साहस और बलिदान): ध्वज का सबसे ऊपरी हिस्सा केसरिया रंग का होता है, जो देश के साहस और बलिदान को दर्शाता है।
- सफेद (सत्य और शांति): मध्य का सफेद रंग सत्य, शांति और पवित्रता का प्रतीक है।
- हरा (समृद्धि और विश्वास): नीचे का हरा रंग देश की समृद्धि, प्रगति और हरियाली को दर्शाता है।
- अशोक चक्र: ध्वज के मध्य में स्थित नीले रंग का अशोक चक्र धर्मचक्र का प्रतीक है, जिसमें 24 तीलियाँ हैं। यह निरंतर प्रगति और परिवर्तन का प्रतीक है।
राष्ट्रीय ध्वज का महत्व
राष्ट्रीय ध्वज किसी भी देश की पहचान होता है और इसके प्रति सम्मान और श्रद्धा प्रकट करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। तिरंगा हमारी स्वतंत्रता, संप्रभुता और एकता का प्रतीक है। यह हमें हमारे स्वतंत्रता संग्राम के वीरों की याद दिलाता है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर देश को स्वतंत्रता दिलाई।
राष्ट्रीय ध्वज अंगीकरण दिवस का महत्व
22 जुलाई को राष्ट्रीय ध्वज अंगीकरण दिवस के रूप में मनाना हमारे ध्वज के प्रति हमारे सम्मान और गर्व को दर्शाता है। इस दिन विभिन्न शिक्षण संस्थानों, सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर ध्वज फहराने और इसके महत्व पर चर्चा करने के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके माध्यम से नई पीढ़ी को अपने राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान और प्रेम की भावना सिखाई जाती है।
राष्ट्रीय ध्वज अंगीकरण दिवस हमें हमारे राष्ट्रीय ध्वज के महत्व और उसके प्रति हमारे कर्तव्यों की याद दिलाता है। यह दिवस हमें प्रेरणा देता है कि अपने देश के प्रति समर्पित रहें और अपने राष्ट्रीय ध्वज की मर्यादा को बनाए रखें। तिरंगे की शान हमेशा ऊँची रहे, यही हमारी सच्ची देशभक्ति का प्रतीक है।
राष्ट्रीय झण्डा अंगीकरण दिवस की आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
आज ही के दिन हमारे देश के संविधान द्वारा तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अंगीकार किया गया था। मां भारती की सेवा के लिए अप्रतिम ऊर्जा और प्रेरणा देने वाला तिरंगा प्रत्येक भारतवासी के लिए आन-बान-शान का… pic.twitter.com/6kC5iCQ6NS
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) July 22, 2024