National Press Day : आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस है। यह दिन प्रेस की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। मीडिया को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में जाना जाता है जो जनता की राय को आकार देने, विकास को प्रोत्साहन देने और सत्ता को जवाबदेह बनाने में अहम भूमिका निभाता है। यह विकास का एक शक्तिशाली उपकरण है और इसके लिए जरूरी है कि प्रेस पूर्वाग्रह से मुक्त होकर काम करे और जनता को सूचित व शिक्षित करने के अपने कर्तव्य को निभाए। ये दिन इसी बात के महत्व को प्रतिपादित करने के लिए समर्पित है।
बीते समय में, मीडिया ने लाखों लोगों के हितों की रक्षा करने और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभाई है। प्रेस के इस महत्वपूर्ण योगदान को सम्मानित करने के लिए हर साल 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है। यह दिन समाज में स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस की भूमिका को रेखांकित करता है जो एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अनिवार्य है। आज के दिन सीएम डॉ मोहन यादव ने सभी पत्रकारों को बधाई दी है।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस: इतिहास और महत्व
राष्ट्रीय प्रेस दिवस हर साल 16 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन भारत में भारतीय प्रेस परिषद (PCI) की स्थापना और प्रेस की स्वतंत्रता को सम्मानित करने के लिए समर्पित है। साल 1956 में पहले प्रेस आयोग ने पत्रकारिता में नैतिकता और जिम्मेदारी बनाए रखने के लिए एक वैधानिक निकाय स्थापित करने की सिफारिश की थी। इसका उद्देश्य प्रेस समुदाय और समाज के बीच संवाद स्थापित करना और विवादों में मध्यस्थता करना था। परिणामस्वरूप, 4 जुलाई, 1966 को भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना हुई। परिषद ने औपचारिक रूप से 16 नवंबर, 1966 से अपना कार्य प्रारंभ किया और इसीलिए इस दिन को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज का दिन स्वतंत्रता संग्राम में पत्रकारिता के योगदान और आज़ादी के बाद लोकतंत्र की रक्षा में उसकी भूमिका को याद दिलाता है। यह दिन प्रेस को जिम्मेदार, पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने का आह्वान करता है।
इस दिन की विशेषताएं
1. आज़ाद और जिम्मेदार प्रेस का प्रतीक :
यह दिन प्रेस की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
2. थीम आधारित आयोजन :
हर वर्ष परिषद एक खास थीम जारी करती है, जो स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस के महत्व को उजागर करती है।
3. पुरस्कार और सम्मान :
इस अवसर पर पत्रकारिता में उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।
4. स्मारिका का प्रकाशन :
प्रेस दिवस पर एक विशेष स्मारिका जारी की जाती है, जो पत्रकारिता की चुनौतियों और उसके भविष्य पर प्रकाश डालती है।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस का उद्देश्य
राष्ट्रीय प्रेस दिवस स्वतंत्र, निष्पक्ष और जिम्मेदार प्रेस के महत्व को रेखांकित करता है। लोकतंत्र में मीडिया को “चौथा स्तंभ” माना जाता है, जो जनता को शिक्षित करने, सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने और विभिन्न विचारों को मंच प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वतंत्र प्रेस सरकार और अन्य संस्थानों को जवाबदेह ठहराकर सार्वजनिक मामलों में पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।
इस दिन मीडिया से संबंधित चुनौतियों और बदलते स्वरूप पर चर्चा करने के लिए कई स्थानों पर सेमिनार और गोष्ठियों का आयोजन किया जाता है। पिछले कुछ समय में इन चर्चाओं में फेक न्यूज़, गलत सूचनाएं और सेंसरशिप जैसी समस्याओं से निपटने के उपायों पर भी विचार किया जाता है। साथ ही, पत्रकारों और मीडियाकर्मियों को उनके नैतिक दायित्वों और निष्पक्ष रिपोर्टिंग के महत्व की याद दिलाई जाती है। यह दिन न सिर्फ समाज में मीडिया की भूमिका का उत्सव है, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता के साथ आने वाली जिम्मेदारियों पर चिंतन का अवसर भी है। भारतीय प्रेस परिषद और पत्रकारों के योगदान को मान्यता देते हुए, यह दिन एक स्वस्थ और प्रभावी लोकतंत्र में स्वतंत्र प्रेस की अनिवार्यता को सुदृढ़ करता है।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस की सभी पत्रकार साथियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा में आपकी भूमिका सजग प्रहरी की है। निष्पक्ष एवं मुखर होकर लोकतंत्र को सशक्त में साधनारत सभी पत्रकार बंधु प्रशंसा के पात्र हैं।#राष्ट्रीय_प्रेस_दिवस pic.twitter.com/BH9z2gPetl
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) November 16, 2024