National Safety Day 2025 : आज राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस है। हर साल 4 मार्च को ये दिन समाज में सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने और हर स्तर पर सुरक्षा को प्राथमिकता देने के उद्देश्य के साथ मनाया जाता है। आज का दिन औद्योगिक, साइबर, घरेलू और सड़क सुरक्षा सहित जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित है।
हम सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रखें। सुरक्षा सिर्फ हमारी व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि सामाजिक कर्तव्य भी है। जब हम अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हैं तो अनजाने में हम अपने परिवार, मित्रों और पूरे समाज की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भीयोगदान देते हैं। और आज के डिजिटल युग में ये बात सिर्फ सड़क, घर या दफ्तर तक सीमित है, बल्कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया, आपदा प्रबंधन और मानसिक स्वास्थ्य तक इसका विस्तार है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का महत्व और उद्देश्य
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस हर साल 4 मार्च को मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों में सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना और कार्यस्थल, समाज तथा देश के विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षित माहौल को बढ़ावा देना है। ये दिन सुरक्षा नियमों को अपनाने के प्रति जागरूकता बढ़ाने का संदेश देता है। साथ ही कार्यस्थलों और सार्वजनिक स्थलों पर सुरक्षा मानकों को लागू करने की दिशा में भी प्रेरित करता है।
कैसे हुई राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की शुरुआत
भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) की स्थापना 4 मार्च 1966 को की गई थी। इसके बाद वर्ष 1972 में पहली बार राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया गया जिसका मुख्य उद्देश्य कार्यस्थल और सार्वजनिक जीवन में सुरक्षा को बढ़ावा देना था। समय के साथ ये दिन सुरक्षा जागरूकता अभियानों और सावधानी बरतने के संदेशों के प्रसार का एक महत्वपूर्ण जरिया बन गया है।
इस साल की थीम
इस साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम “विकसित भारत के लिए सुरक्षा और कल्याण महत्वपूर्ण” रखी गई है। यह थीम दर्शाती है कि देश की प्रगति और नागरिकों का कल्याण तभी संभव है जब सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। जब तक नागरिक सुरक्षित नहीं होंगे, तब तक देश का वास्तविक विकास संभव नहीं है। और इसके लिए सभी को मिलकर एक साथ इस दिशा में सहयोग करना होगा।
किस तरह सुनिश्चित की जा सकती है सुरक्षा
अपनी निजी और सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कुछ छोटी-बड़ी बातों का ध्यान रखा जा सकता है। जब भी आप सड़क पर निकलें तो ट्रैफिक नियमों का पूरा पालन करें। स्कूटर या बाइक चलाते समय हेलमेट लगाना ना भूलें। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल करते समय जरूरी सावधानी बरतें। सेफ्टी रूल्स का पालन करें। अगर प्रदूषण की चपेट में आने का खतरा है तो मास्क पहनने की आदत डालें। घर में सिलेंडर का सही तरह से इस्तेमाल करें, बिजली के उपकरणों की समय समय पर जाँच कराते रहें। साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने फोन या लैपटॉप पर स्ट्रॉन्ग पासवर्ड लगाएं, एंटीवायरस डलवाएं और अपनी निजी जानकारी किसी से साझा ना करें। आपदा प्रबंधन के बारे में सीखें और बच्चों को भी इसकी पूरी जानकारी दें। और सबसे महत्वपूर्ण बात है कि अपने साथ दूसरों की सुरक्षा का भी ध्यान रखें। इस तरह सभी का साझा योगदान एक सुरक्षित समाज के निर्माण में सहयोग दे सकता है।