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Wed, Dec 17, 2025

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस: चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता से गगनयान की नई उड़ान तक, सीएम डॉ. मोहन यादव ने दी शुभकामनाएं

Written by:Shruty Kushwaha
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ये दिन न सिर्फ एक गौरव का अवसर है बल्कि यह भारत की उस यात्रा का प्रतीक भी है जिसमें आर्यभट्ट उपग्रह से लेकर चंद्रयान और अंतरिक्ष स्टेशन तक की सफलताएं शामिल हैं। आज का भारत न सिर्फ एक उपग्रह प्रक्षेपण करने वाला देश है, बल्कि वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति बनने की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ा चुका है।
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस: चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता से गगनयान की नई उड़ान तक, सीएम डॉ. मोहन यादव ने दी शुभकामनाएं

आज भारत ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ मना रहा है जो चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता की दूसरी वर्षगांठ का प्रतीक है। 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग कर भारत को विश्व का पहला देश बनाया, जिसने इस दुर्गम क्षेत्र में कदम रखा। इसके साथ ही, भारत चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला विश्व का चौथा देश बन गया।

आज के दिन सीएम मोहन यादव ने शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। चंद्रयान-3 मिशन के विक्रम लैंडर की सफल लैंडिंग के साथ हमारे देश को वर्ष 2023 में आज ही के दिन चंद्रमा पर प्रज्ञान रोवर की स्थापना की ऐतिहासिक सफलता प्राप्त हुई थी। प्रत्येक देशवासी को गर्व है कि हमारे वैज्ञानिकों के सतत् परिश्रम और समर्पण ने भारत को वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति के रूप में स्थापित किया है।’

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की शुरुआत 2023 में हुई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रयान-3 की सफलता को राष्ट्रीय गौरव का क्षण बताते हुए 23 अगस्त को इस दिवस के रूप में घोषित किया। इसका उद्देश्य भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों को सम्मानित करना और युवाओं को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) क्षेत्रों में प्रोत्साहित करना है। यह दिन कृषि, मौसम पूर्वानुमान, आपदा प्रबंधन और संचार जैसे क्षेत्रों में स्पेस टेक्नॉलॉजी के योगदान को भी उजागर करता है।

भारत की गौरवपूर्ण उपलब्धियां

चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत ने सूर्य अध्ययन मिशन ‘आदित्य-L1’, मानव मिशन ‘गगनयान’ और ‘स्पेस डॉकिंग तकनीक’ में भी उपलब्धियां दर्ज की हैं। वहीं, स्वदेशी नेविगेशन प्रणाली (NavIC) और ‘अर्थ-ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट्स’ भारत को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना रहे हैं। भारत की अंतरिक्ष यात्रा 1969 में इसरो की स्थापना के साथ शुरू हुई। इस दौरान देश के प्रमुख पड़ावों में शामिल हैं:

  • 1975: पहला उपग्रह ‘आर्यभट्ट’ का प्रक्षेपण।
  • 2008: चंद्रयान-1 द्वारा चंद्रमा पर पानी के अणुओं की खोज।
  • 2013: मंगलयान ने पहली ही कोशिश में मंगल की कक्षा में प्रवेश किया।
  • 2017: एक साथ 104 उपग्रह प्रक्षेपित कर विश्व रिकॉर्ड।
  • 2023 : चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग, जिसने भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक पहुँचने वाला पहला देश बनाया।