1 लाख कर्मचारी रह जाएंगे मतदान से वंचित ? ये है बड़ी वजह, कर्मचारी संगठन ने चुनाव आयोग से की मांग

MP Election 2023

Lakhs of employees may remain deprived of voting : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में लगभग एक लाख कर्मचारी मतदान से वंचित रह जाएंगे। ये कहना है तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी का। उन्होने कहा कि अप डाउन करने वाले कर्मचारी या ऐसे कर्मचारी जिनका नाम किसी और स्थान पर वोटिंग लिस्ट में है और जिनकी चुनाव ड्यूटी लगी हुई है, वे मतदान नहीं कर पाएंगे। उन्होने कहा कि एक तरफ सरकार शत प्रतिशत मतदान की बात करते हुए सभी नागरिकों से वोट डालने की अपील करती है, वहीं चुनाव ड्यूटी के कारण लाखों कर्मचारी मतदान नहीं कर पाएंगे जिस बात को लेकर उनमें परेशानी का माहौल है।

लाखों कर्मचारी रह सकते हैं मतदान से वंचित

उमाशंकर तिवारी ने कहा कि 17 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए प्रदेशभर में कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी लगाई गई है। जिन कर्मचारियों को प्रशिक्षण के उपरांत मतदान की सुविधा दी जा रही है, उस सुविधा का ऐसे कर्मचारी लाभ नहीं उठा पाएंगे जिनका नाम उस जिले की मतदाात सूची में नहीं है। उन्होने कहा कि प्रदेश में ऐसे कर्मचारियों की संख्या लगभग 1 लाख तक हो सकती है।

ये है वजह

ये कर्मचारी जहां काम कर रहे हैं वहां की मतदाता सूची में उनका नाम नहीं। उनका मतदान केंद्र और ईपिक कार्ड उनके मूल निवास स्थान पर है और ट्रांसफर होने, नई नौकरी होने या डेली अप डाउन करने की वजह से वह दूसरे विधानसभा क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन उनका मतदान केंद्र तो उनके स्थायी निवास के पते पर ही है और यहीं से उनका वोटर आईडी भी बना हुआ है। इस कारण वो अपना वोट नहीं दे पाएंगे क्योंकि चुनावी ड्यूटी के कारण उस दिन उन्हें कार्यस्थल पर मौजूद रहना होगा। उमाशंकर तिवारी ने कहा कि कई कर्मचारी इस समस्या के बारे में शिकायक भी कर चुके हैं लेकिन प्रशिक्षण केंद्र पर भी उनको सही जानकारी नहीं दी जा रही है। ऐसे में कर्मचारी अपना मतदान कहां करें, इसे लेकर प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को प्रशिक्षण के समय स्पष्ट निर्देश प्रदान करने चाहिए। उन्होने चुनाव आयोग से मांग की है कि ऐसे कर्मचारियों के लिए 17 नवंबर के बाद जिस स्थान की मतदाता सूची में उनका नाम है, वहां 22 नवंबर या जो भी उचित तारीख हो तब वोट डालने का मौका दिया जाए ताकि कोई भी कर्मचारी एवं सुरक्षा व्यवस्था में लगे पुलिस अधिकारी कर्मचारी वोट डालने से वंचित न रह सके और मतदान महादान का लक्ष्य शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा हो।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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