भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) को केन्द्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने एक बार फिर बड़ी सौगात दी है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और सागर में रिंग रोड बनाई जाएंगी, 56 शहरों में 750 करोड़ रूपये की लागत से आंतरिक सड़कों का सुद्दढ़ीकरण होगा, इसके लिए केन्द्र ने सहमति दी है।इसके तहत मध्य प्रदेश के 5 महत्वपूर्ण शहरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर एवं सागर के रिंग रोड के छूटे हुए हिस्सों को NHAI के माध्यम से शीघ्र पूरा कराया जाना आवश्यक है। इन रिंग रोड से ओद्योगिक केन्द्र तथा लॉजिस्टिक हब विकसित करना आसान होगा।
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दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने नई दिल्ली प्रवास में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) से मुलाकात की। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर विशेष रूप से उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री गडकरी से भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और सागर में भारतमाला परियोजना में बायपास, रिंग रोड निर्माण सहित विभिन्न कार्यों के संबंध में विस्तार से चर्चा की और मध्यप्रदेश के लिए किए जा रहे सहयोग के लिए हृदय से धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में सुदृढ़ अधो-संरचना स्थापित करना राज्य शासन (MP Government) की पहली प्राथमिकता है। केन्द्रीय मंत्री गडकरी से प्रदेश के 56 शहरों में 750 करोड़ रुपये की लागत से आंतरिक सड़कों को सुदृढ़ बनाने और निर्माण भारत माला परियोजना के प्रथम चरण में 5 बड़े शहरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और सागर के छूटे हुए हिस्से में बायपास और रिंगरोड के निर्माण पर चर्चा की। इससे शहरों में यातायात का दबाव कम होगा। केन्द्रीय मंत्री ने इस पर सहमति प्रदान की। इसके लिए उन्होंने ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय मंत्री गडकरी के प्रति आभार ज्ञापित किया है।
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मुख्यमंत्री चौहान ने केंद्रीय मंत्री गडकरी से मुलाकात के बाद कहा कि ग्वालियर चंबल क्षेत्र से गुजरने वाला 404 किलोमीटर लंबा अटल प्रगति पथ (एक्सप्रेस-वे) मध्यप्रदेश के विकास को गति देगा। यह पथ चंबल और ग्वालियर क्षेत्र के समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। क्षेत्र के नगरों, कस्बों और छोटे-बड़े सभी ग्रामों की अर्थ-व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन आएगा। इस एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण की दिक्कतों को दूर किया गया है। सार्थक प्रयासों से बाधाएँ दूर करने में सफलता मिल रही है।
नर्मदा एक्सप्रेस-वे प्रदेश की हॉरिजेंटल इंडस्ट्रियल बेकबोन
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रस्तावित नर्मदा एक्सप्रेस-वे प्रदेश में औद्योगिक, पर्यटन गतिविधियों के विकास की रीढ़ साबित होगा। यह महत्वाकांक्षी परियोजना अमरकंटक (कबीर चबूतरा) से मध्यप्रदेश गुजरात सीमा तक बनायी जाना प्रस्तावित है। इसमें प्रदेश के 10 जिले अनुपपूर, डिंडौरी, जबलपुर, नरसिंहपुर, रायसेन, सीहोर, देवास, इंदौर, धार और झाबुआ जुड़ेंगे। साथ ही 8 जिलों शहडोल, रीवा, भोपाल, हरदा, खण्डवा, खरगौन, बड़वानी एवं अलीराजपुर को फीडर रूट्स से जोड़ा जाएगा। कई शहरों में नेशनल हाई-वे हैं, अब बायपास भी बन रहे हैं। नवीन कार्यों के फलस्वरूप कुछ कस्बों और नगरों की परस्पर दूरी भी कम होगी एवं असुविधाजनक मोड़ भी खत्म किए जाएंगे। निश्चित ही इन सबका प्रत्यक्ष लाभ नागरिकों को प्राप्त होगा। भोपाल, इंदौर में ऐसे रिंग रोड, जिनके पास आर्थिक गतिविधियाँ शुरू की जा सकें, पर भी बातचीत हुई। अलग-अलग कार्यों को गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय-सीमा में पूरा किया जाएगा।
रिंग रोड इन शहरों को जोड़ेगी
- भोपाल शहर का 75 प्रतिशत रिंग रोड निर्मित है। शेष 25 प्रतिशत लम्बाई में मण्डीदीप से इंदौर रोड तक रिंग रोड बनाया जाना आवश्यक है। यह प्रस्तावित रिंग रोड एनएच-64 (भोपाल-ओबेदुल्लागंज) को स्टेट हाई-वे क्रमांक-28 (भोपाल-देवास) से जोड़ेगी।
- इंदौर शहर की रिंग रोड का आधा हिस्सा पूर्व से मौजूद है। रिंग रोड के पश्चिमी हिस्से की योजना भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा बनाई गई है। यह प्रस्तावित रिंग रोड एनएच-52 (आगरा-मुम्बई) को जोड़ेगी।
- जबलपुर शहर के लिए प्रस्तावित रिंग रोड राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-30 (जबलपुर-रीवा), एस. एच. क्रमांक-55 (जबलपुर-दमोह), एनएच-45 (जबलपुर-भोपाल), एनएच-30 (जबलपुर-नागपुर), एनएच-30 (जबलपुर-मण्डला), एनएच-45 (जबलपुर-अमरकंटक) को जोड़ेगी।
- ग्वालियर शहर में पूर्वी/दक्षिण की तरफ 42 कि.मी. बायपास निर्मित है। शेष 28 कि.मी. में प्रस्तावित रिंग रोड है। प्रस्तावित रिंग रोड एनएच-44 (ग्वालियर-झाँसी) से प्रांरभ होकर एनएच-46 (ग्वालियर-गुना) को जोड़ेगी।
- सागर शहर में भारतीय राष्ट्रीय राज्यीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा बरखेड़ी से गढ़पहरा तक 28 कि.मी. लम्बाई का मार्ग प्रस्तावित है, जिसकी निविदा प्रक्रियाधीन है। इसके निर्माण से बीना-भोपाल-इंदौर के यातायात को सुगमता मिलेगी।
- कटनी-जबलपुर से भोपाल-बीना जाने वाले यातायात की सुगमता के लिए रिंग रोड का निर्माण आवश्यक है। यह रिंग रोड एनएच-146 (भोपाल-सागर) एवं एनएच-44 (जबलपुर- लखनादौन) से एनएच-934 (सागर-कानपुर) को जोड़ेगा। सागर के दक्षिणी और एनएच 146 (भोपाल-सागर) को एसएच 21 (सागर-रेहली) को जोड़ेगी।