भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के किसानों (MP Farmers News) के लिए काम की खबर है। आधार लिंक बैंक खाते (Bank Account) में ही धान उपार्जन का किसानों को भुगतान होगा। प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने कहा कि केन्द्र शासन के निर्देशानुसार धान उपार्जन की राशि का भुगतान सीधे किसानों के आधार लिंक बैंक खाते में होगा। इसके लिये सभी जिला कलेक्टर्स यह सुनिश्चित करें कि धान उपार्जन के लिये पंजीकृत किसानों के आधार से बैंक खातें लिंक करायें। भोपाल संभागायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि रबी – खरीफ फसल उपार्जन के लिये सभी को-ऑपरेटिव बैंक अभी से आधार लिकिंग प्रक्रिया शुरू करें।
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खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई (Faiz Ahmed Kidwai) ने भोपाल संभाग की खरीफ उपार्जन की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए हैं कि बैंक खाते की लिकिंग की सुनिश्चिता के लिये आवश्यकता होने पर एक रूपए की राशि का भुगतान करें।सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किसके आधार से कौन सा बैंक खाता लिंक (AAdhaar Link Bank Account) है और किसानों को भी पंजीयन के दौरान यह जानकारी उपलब्ध करायें।कि वेयरहाउस के मालिकों और संचालकों को किराये की राशि के भुगतान की कार्रवाई तुरंत करें। उपार्जन के दौरान जिले के अधिकारी यह भी देखें कि सभी वेयर हाउसों में गेहूं की फसल रखी जा सके। कोई भी वेयर हाउस खाली नहीं रहें।
बैठक में प्रमुख सचिव किदवई ने सभी जिला कलेक्टरों (Collector) को निर्देश दिए जिलों में उपार्जन केन्द्रों को वेयर हाउस के नजदीक ही बनाया जायें ताकि किसानों को परिवहन के दौरान कोई समस्या उत्पन्न नहीं हो। धान उपार्जन में क्वालिटी कंट्रोल का विशेष ध्यान रखने और धान की क्वालिटी के लिये आवश्यकता होने पर जिलों से मांग आने पर प्रशिक्षित क्वालिटी कंट्रोलर की मदद लेने के लिए भी कहा।उपार्जन केन्द्रों का अंतिमीकरण जिला उपार्जन समिति द्वारा, ई-उपार्जन केन्द्रों के निर्धारण के लिए जिला आपूर्ति अधिकारी तथा जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक को नोडल बनाया गया है तथा किसानों के सत्यापन के लिए जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए SDM और तहसीलदार को नियुक्त किया जा सकेगा।
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किदवई ने बैठक में समस्त जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए कि जिले में वेयर हाउस के साथ समानता का अधिकार रखें। उनके हितों का संरक्षण भी जरूरी है, ताकि समय पर उपार्जन तथा भंडारण क्षमता सीमित हो सके। सभी जिला कलेक्टर यह भी सुनिश्चित करें कि जिलों में पूर्व में हुए पंजीयनों के आधार पर किसानों के बैंक खाता आधार से लिंक हो सके ताकि भविष्य में होने वाले उपार्जन कार्य के दौरान उनके भुगतान संबंधी समस्या नहीं हो। उन्होंने सभी डीएसओ, नॉन – मार्कफेड के अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि आगामी नवम्बर – दिसम्बर तक पंजीकृत किसानों के खातों को आधार से लिंक करें ताकि भुगतान सही और सटीक व्यक्ति के खातें में स्थानांतरित किया जा सके।
बारदानों की समय पर वापसी करें, अन्यथा कटेगी राशि
संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में संभागायुक्त कवीन्द्र कियावत ने भी कहा कि रबी उपार्जन के साथ यह व्यवस्था रहेगी इसके लिए जिले के सभी को-ऑपरेटिव बैंक मैनेजर माह दिसम्बर – 2021 तक समस्त पंजीकृत किसानों के आधार को बैंक खातों से लिंक करायें। बैठक में संचालक, वेयर हाउस एण्ड कार्पोरेशन तरूण कुमार पिथोड़े ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण धान ही खरीदी जायें। मिलिंग के दौरान भी यह ध्यान दिया जाए कि धान की क्वालिटी खराब नहीं हो। उपार्जन केन्द्रों के प्रबंधकों के डिजीटल ई-साइन बनवाए जायें। भुगतान प्रबंधकों के माध्यम से ही सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने सभी समितियों के शेष बने बारदानों की समय पर वापसी करने के निर्देश भी दिए। अन्यथा उसकी राशि काटी जाए।
15 अक्टूबर तक कर सकते है पंजीयन
बता दे कि खरीफ वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर उपार्जन के लिए धान (कॉमन) 1940 रूपए प्रति क्विंटल, ज्वार (हाईब्रिड) 2738 रूपए प्रति क्विंटल तथा बाजरा 2250 रूपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी की जाएगी। इसके साथ भोपाल संभाग में 01 नवम्बर से जनवरी 2022 तक खरीफ फसल की खरीदी की जाएगी। धान पंजीयन में भोपाल संभाग में अब तक 810 किसानों द्वारा अपना पंजीयन कराया गया है। धान पंजीयन के लिए 15 अक्टूबर 2021 तक समय निर्धारित किया गया है।भोपाल संभाग में सर्वाधिक धान उपार्जन सीहोर और रायसेन जिले में होता है। इसके लिये व्यवस्था चाक- चौबंद कर लें। दोनों जिले 50-50 हजार मीट्रिक टन धान का उपार्जन करते है।