अब बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने सीएम को लिखा पत्र, रखी यह बड़ी मांग

Pooja Khodani
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बीजेपी विधायक

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।अलग विंध्य प्रदेश बनाने की मांग उठाने वाले (Vindhya Pradesh) और हमेशा अपने बयानों से पार्टी की मुश्किलें बढ़ाने वाले मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी (BJP MLA Narayan Tripathi) ने अब पीएम नरेंद्र मोदी के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। इस पत्र में नारायण त्रिपाठी ने आशा-उषा कार्यकर्ताओं की मांगों को पूरा कर आंदोलन को समाप्त करवाने की मांग की है।

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दरअसल, अपनी 6 सुत्रीय मांगों को लेकर मप्र सरकार (MP Government) के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली आशा-उषा कार्यकर्ताओं को अब सतना के मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी का समर्थन मिल गया है।नारायण त्रिपाठी ने उनकी मांगों को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) को पत्र लिखा है।

पत्र में नारायण त्रिपाठी में मांग की है कि मध्य प्रदेश में एएचएम के अंतर्गत साल 2005 से काम कर रही कुशल और प्रशिक्षित आशा-उषा कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर 21 जून से आंदोलन किया जा रहा है, ऐसे में जल्द से जल्द कार्यकर्ताओं की मांगों का निराकरण कर आंदोलन को समाप्त करवाएं।

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बता दे कि नारायण त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखा था और थर्ड जेंडर और किन्नरों (third gender) के लिए आर्थिक मदद देने की मांग की थी। नारायण त्रिपाठी ने कहा था कि कि जीविकोपार्जन की वैकल्पिक व्यवस्था और उत्थान के लिए इस वर्ग के लिए कोई महत्वपूर्ण योजना बनाई जाए, जिससे इनकी मदद हो सके।

ये है प्रमुख मांगे-

  • आशा-उषा कार्यकर्ताओं को 25 दिन की जगह 30 दिन का पूरा भुगतान दिया जाए।
  • आशा एवं सहयोगी कर्मचारियों को शासकीय कर्मचारी मान्य किया जाए।
  • डिलीवरी के लिए 600 की जगह 1200 रुपये का भुगतान किया जाए।
  • शहरी एवं ग्रामीण आशा कार्यकर्ताओं को समान वेतन दिया जाए।
  • आशा सहयोगिनी को 15 हजार और आशा कार्यकर्ता को 10 हजार रुपए प्रति मासिक किया जाए।

 

अब बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने सीएम को लिखा पत्र, रखी यह बड़ी मांग


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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