भोपाल।
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे वैसे राजनीतिक दलों के दफ्तरों की रौनक भी बढ़ती जा रही है। वही चुनाव से पहले नेता अपने बेटे-बेटियों के लिए टिकट की दावेदारी पेश करने में लगे हुए है और बड़े नेताओं से मिल रहे है। विधानसभा चुनाव के बाद मप्र के पूर्व वित्त मंत्री राघवजी ने अपने बेटी के लिए लोकसभा चुनाव में टिकट मांगा है।बताया जा रहा है कि इसके लिए उन्होंने बीजेपी कार्यालय पहुंचकर नेताओं से भी मुलाकात की है। राघव जी की इस डिमांड के बाद बीजेपी में हड़कंप मच गया है। चुंकी विधानसभा के दौरान टिकट ना दिए जाने पर वे बागी हो गए थे और निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए पर्चा भी भर दिया था, हालांकि बाद में पार्टी नेताओं की समझाइश के बाद उन्होंने नामांकन वापस ले लिया ।
दरअसल, विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद भाजपा लोकसभा की तैयारियाों में जुट गई है। इन दिनों भाजपा में सीटों को लेकर मंथन चल रहा है और कई सीटों पर नए चेहरों को भी उतारने की कवायद तेज है।जल्द ही भाजपा टिकटों पर चर्चा कर लिस्ट जारी करने वाली है। इसी बीच विधानसभा में सपाक्स का दामन थामने के बाद भाजपा नेताओं के दबाव में आकरबैठ जाने वाले पूर्व वित्त मंत्री राघवजी ने एक बार फिर भाजपा पर दबाव बनाना शुरु कर दिया है। वे विदिशा संसदीय क्षेत्र से अपनी बेटी ज्योति शाह के लिए टिकट की मांग करने लगे हैं। आज राघवजी प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे और उन्होंने अपनी बेटी को टिकट देने की मांग भाजपा नेताओं से की। राघव जी के फिर टिकट मांगने पर भाजपा में हड़कंप मच गया है। ऐसे में भाजपा में एक डर भी बना हुआ है कि अगर उन्हें टिकट नही दिया गया तो वे फिर निर्दलीय या किसी अन्य दल में शामिल होकर चुनाव लड़ सकते है और अगर दिया तो अन्य नेता भी अपने बेटे-बेटियों के लिए मांग करने से पीछे नही हटेंगें।
विधानसभा में भी बढ़ाई थी पार्टी की मुश्किलें
प्रदेश में लंबे समय तक वित्त मंत्रालय की कमान संभालने वाले पूर्व वित्त मंत्री राघवजी पांच साल बाद राजनीति में सक्रिय होते नजर आ रहे है। विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने विदिशा जिले की शमशाबाद विधानसभा सीट से बेटी ज्योति शाह को टिकट देने की मांग की थी। शमशाबाद विधानसभा सीट से पूर्व में राघवजी खुद विधायक रहे थे। लेकिन पार्टी ने उन्हें मना कर दिया था , जिसके बाद वे बागी हो गए थे और उन्होंने खुद ही निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भर दिया था। इससे भाजपा में हलचल मच गई थी, लेकिन नामांकन के आखरी दिन भाजपा नेताओं के मान-मनौव्वल के बाद उन्होंने नामांकन वापस लिया है। जिसके बाद लोकसभा चुनाव में उन्होंने फिर से टिकट की मांग की है।
विदिशा विधानसभा सीट से दावेदारों की संख्या बढ़ी
बताते चले कि विदिशा से सांसद सुषमा स्वराज ने इस बार विदिशा से चुनाव न लड़ने की बात कही है। इसके बाद से ही पार्टी नए चेहरे की तलाश में जुटी है। वही दूसरी तर इस सीट पर भी दावेदारों की संख्या बढ़ रही है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यहां से अपनी पत्नी साधना सिंह को टिकट दिलाना चाहते हैं तो पूर्व वित्त मंत्री राघवजी ने यहां से बेटी के लिए टिकट की मांग कर दी है। भाजपा के लिए यहां पर प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया में परेशानी खड़ी होती नजर आ रही है।
यौन आरोपों के बाद देना पड़ा था इस्तीफा
जुलाई 2013 में राघवजी पर वित्तमंत्री रहते उनके सेवक ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे, इसके बाद राघवजी को शिवराज मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा। साथ ही पार्टी से भी बाहर कर दिया था। इसके बाद राघवजी मप्र की सक्रिय राजनीति से दूर हो गए। चूंकि राघवजी विदिशा के पुराने नेता हैं, ऐसे में उन्होंने अपनी बेटी को राजनीति में स्थापित करने के लिए हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बेटी के लिए पार्टी से शमशाबाद विधानसभा सीट से टिकट की मांग की थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें मना कर दिया था ,जिसके बाद वे बागी हो गए थे और निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए पर्चा भर दिया था। हालांकि पार्टी नेताओं की समझाइश के बाद उन्होंने नाम वापस ले लिया था। अब एक बार फिर राघव जी ने लोकसभा चुनाव में अपनी बेटी के लिए टिकट की मांग की है।
कौन हैं राघव जी
राघवजी मध्य प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री हैं। जुलाई 2013 में नौकर के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के आरोप के बाद वह चर्चा में आए थे। उन पर आरोप था कि उन्होंने उसे सरकारी नौकरी दिलाने का लालच दिया था। फिलहाल, मामला कोर्ट में है। इस वजह से राघव जी को अपना मंत्री पद गंवाना पड़ा था और जेल भी जाना पड़ा था।