भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। हाल ही में पद्मश्री अलंकरण से सम्मानित अभिनेत्री कंगना रनौत (kangana ranaut) अपने विवादास्पद बयान के कारण लगातार आलोचना का शिकार हो रही हैं। पद्म सम्मान मिलने के एक दिन बाद ही कंगना ने कहा था कि असली आजादी हमें 2014 में मिली है। 1947 में मिली आजादी तो भीख में मिली थी। इसके बाद देशभर में कंगना का विरोध हो रहा है। अब किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने भी उनके खिलाफ सामने आ गई हैं।
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प्रयागराज पहुंचे किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कंगना रनौत के बयान को गलत ठहराते हुए कहा कि ये बहुत ही गैरजिम्मेदार बयान है और उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। उन्होने इसे लोकतंत्र और संविधान का अपमान बताया। लक्ष्मी त्रिपाठी ने कहा 1947 में मिली आजादी के लिए हजारों स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान बलिदान की, सत्याग्रह दिया तब जाकर देश गुलामी से मुक्त हुआ। ऐसे में उसे भीख में मिली आजादी कहना सरासर अपमान है। उन्होने कहा कि लोकतंत्र में सभी को बोलने की आजादी है लेकिन इसका श्रेय 2014 में बनी किसी सरकार को नहीं दिया जा सकता है। बता दें कि “1947 में मिली आजादी आजादी नहीं भीख थी, सही आजादी तो 2014 में मिली।” इस बयान को लेकर देशभर में सुर्खियों में छाई कंगना राणावत अभी भी अपने रुख पर अड़ी हुई हैं और उन्होने इंस्टाग्राम पर कहा है कि अगर कोई उनके इस बयान को गलत साबित कर दे तो वो अपना पद्म पुरस्कार वापिस कर देंगी।