छात्र नेता रवि परमार ने जमानत राशि भरने के लिए PNB से मांगा लोन, कहा ‘नीरव मोदी की तरह नहीं भागूंगा’

NSUI leader Ravi Parman sought loan from PNB : राजधानी भोपाल से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। एनएसयूआई मेडिकल विंग के संयोजक और छात्र नेता रवि परमार सोमवार दोपहर नर्सिंग स्टूडेंट्स को लेकर पीएनबी मुख्यालय पहुंचे। उन्होने पीएनबी बैंक से 10 हजार रुपए लोन देने की गुहार लगाई है, ताकि वे जमानत की राशि भर सकें।

दरअसल एनएसयूआई नेता रवि परमार को प्रशासन ने दस हजार रुपए जमा करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद वो पीएनबी बैंक पहुंचे और शाखा प्रबंधक से 10 हजार का लोन देने की गुजारिश की। उन्होने इसे लेकर पत्र लिखा और इसमें कहा है कि ‘मैं रवि परमार छात्र नेता भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ( एनएसयूआई ) से जुड़ा हूं। ज्ञात हो कि हाल ही में मध्य प्रदेश में नर्सिंग घोटाला हुआ है जिसकी वजह से लाखों छात्र-छात्राओं का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। चूंकि मैं स्वयं एक नर्सिंग छात्र हूं, नर्सिंग के सभी छात्र छात्राएं मेरे छोटे भाई बहन हैं। प्रदेश के नर्सिंग छात्र-छात्राओं की समस्याओं को देखते हुए उनके भविष्य को सुरक्षित करने के और दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर मैंने आवाज उठाई। इसके बाद पुलिस प्रशासन द्वारा मंत्रियों के कहने पर मेरे ऊपर ढेर सारे मुकदमें दर्ज कर दिए गए।’

पत्र में उन्होने लिखा है कि ‘नर्सिंग छात्रों के भविष्य के लिए आवाज उठाने के कारण मुझे 5 से ज्यादा बार पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं 2–3 बार जेल भी भेज चुकी है। लेकिन अभी तक फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े की वजह मेरे छोटे भाई बहनों की तीन वर्षों से परीक्षाएं नहीं हुई। वे पिछले तीन वर्षों से फर्स्ट ईयर में ही हैं, जबकि उन्हें थर्ड ईयर में होना चाहिए। नर्सिंग की पढ़ाई के लिए जिन स्टूडेंट्स ने लोन लिया था, उनकी जल्द ही किश्तें भी शुरू हो जाएंगी। लेकिन नौकरी तो दूर डिग्री मिलने तक की संभावना नहीं दिख रही। पूर्व नर्सिंग छात्र होने के नाते मुझे नर्सिंग के सभी छात्र छात्राओं की अत्यधिक चिंता है और उनकी परेशानियां देखकर मैं तनावग्रस्त हो गया हूं। क्योंकि अधिकांश छात्र छात्राएं किसान परिवार और निम्न मध्यम वर्ग से हैं और लाखों रुपए फीस भरने के बाद भी वो अभी सिर्फ 12वीं पास हैं। ऐसे में उनकी पढ़ाई और करियर अधर में लटकी हुई है। लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।’

लोन के लिए आवेदन में रवि परमार ने भाजपा के मंत्रियों पर निशाना साधते हुए लिखा, ‘इन सब के बीच अब मुझे शिक्षा माफियाओं द्वारा नर्सिंग छात्र-छात्राओं की लड़ाई लड़ने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है। इसी मंशा के साथ पुलिस प्रशासन द्वारा मुझे 10 हजार रुपए की राशि 06 जून 2023 दोपहर 12 बजे तक जमा करने का आदेश जारी किया गया है अन्यथा मुझे 6 माह के लिए कारावास में बंद करने के आदेश दिए गए हैं। मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार से आता हूं और 10 हजार रुपए जमा करने की आर्थिक स्थिति में नहीं हूं। आप मुझे आपके बैंक से 10 हजार रुपए का लोन देने की कृपा करें। मैं देश का एक जिम्मेदार नागरिक हूं और संविधानिक मूल्यों के साथ साथ नैतिक मूल्यों को अपने जीवन में सबसे ऊपर रखता हूं।’ रवि परमार ने बैंक को भरोसा दिलाया है कि लोन की रकम लेकर वह नीरव मोदी की तरह देश छोड़कर नहीं भागेंगे, बल्की बैंक के नियम अनुसार सूद समेत चुकाएंगे। उन्होने अपने आवेदन पत्र में लिखा कि यदि आप मुझे 10 हजार रुपए लोन देंगे तो न सिर्फ मैं झूठे मुकदमे में जेल जाने से बच जाऊंगा, बल्की लाखों नर्सिंग छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी नहीं होने दूंगा। साथ ही दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई भी करवा सकूंगा। इस दयाभरी कार्य के लिए मैं और मेरे सभी छोटे भाई बहन (नर्सिंग छात्र छात्राएं) हमेशा आपके आभारी रहेंगे।’ उनके साथ पीएनबी बैंक में उनके साथ राजवीर सिंह ईश्वर चौहान, जितेंद्र विश्वकर्मा, डॉ. रामबाबू नागर, रितिक शर्मा, ईश्वर तोमर, यासिर अंसारी, धीरज, सूरज यादव, मोहित विश्वकर्मा, लखन तोमर, पवन पवार अनित सिंह देवेंद्र सोनारे ऋषि सिंह राहुल सिंह विशाल राय सहित नर्सिंग छात्र छात्राएं उपस्थित थे।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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