भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना (Corona) का संक्रमण कागजों में रोकने के लिए प्रदेश के एक जिले में अधिकारियों ने मनमाने तरीके अपना लिए हैं। वहां पर कोरोना टेस्ट (test) कराने के नियम इस कदर कड़े कर दिए गए हैं कि आम आदमी नियमों के कारण टेस्ट ही नहीं करा पाएगा।
मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष मांडवी चौहान का कोरोना से निधन
प्रदेश मे कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और दतिया जिला भी इसका हॉटस्पॉट बन गया है। दतिया में संक्रमित लोगों की संख्या रोजाना सैकड़ा पार कर रही है। लेकिन अब यह संख्या नियंत्रित करने का उपाय अधिकारियों ने निकाल लिया है। दतिया के जिला चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी ने निर्देश जारी किए हैं कि बाहर के लोगों का यानी दतिया जिले के निवासियों के अलावा किसी का कोरोना टेस्ट अब दतिया में नहीं होगा। यह आदेश सभी ब्लॉक स्तर तक के अस्पताल और फीवर क्लीनिक को जारी किए गए हैं। इसके साथ ही कोरोना टेस्ट के लिए वोटर आईडी और आधार कार्ड भी जरूरी कर दिए गए हैं। जाहिर सी बात है कि जब नियम कड़े होंगे तो आंकड़े अपने आप कम हो जाएंगे क्योंकि संक्रमित व्यक्ति इतनी लंबी प्रक्रिया से गुजरने के बजाय कहीं अन्य जगह अपना इलाज कराना उचित समझेगा।
इतना ही नहीं, सीएमएचओ डॉ आर बी कुरेले ने एक अन्य आदेश में ऑक्सीजन का लेवल 94 होने और बुखार होने पर ही कोरोना टेस्ट करने के निर्देश दिए हैं। कई कोरोना मामले एसिंप्टोमेटिक होते हैं और इनमें ना तो व्यक्ति को कोई परेशानी होती है और ना ही बुखार आता है। अब यदि ऐसे व्यक्ति का टेस्ट नहीं किया जाएगा तो वह खुद को स्वस्थ मानकर घूमता रहेगा और दूसरे लोगों में भी संक्रमण फैलाता रहेगा। हालांकि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभु राम चौधरी का कहना है कि सीएमएचओ ने यह आदेश कैसे जारी कर दिया वह इसका परीक्षण करा रहे हैं और यह बिल्कुल तर्कसंगत नहीं है। उम्मीद है कि एक-दो दिन में इस बारे में संशोधन लागू कर दिए जाएं।