पुरानी पेंशन योजना : कर्मचारियों को फायदा सहित सरकार को हर महीने 333 करोड़ रूपए की बचत, जाने कैलकुलेशन

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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में एक बार फिर से बकाया महंगाई भत्ता (DA) सहित पुरानी पेंशन योजना (Old pension Scheme) लागू करने को लेकर राज्य शासन के कर्मचारी (MP Employees) अधिकारी लामबंद हो गए हैं। दरअसल इसके लिए 4 मार्च को CM को संबोधित ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा जाएगा। इस मामले में इंदौर के प्रांतीय आवाहन पर आंदोलन की शुरुआत करेंगे। संगठन के संरक्षक और मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री का कहना है कि पुरानी पेंशन बहाल करने को लेकर मध्य प्रदेश के कर्मचारियों की सड़कों पर निकल कर आंदोलन का आगाज करेंगे।

बता दे कि राज्य के कर्मचारी 11% बकाए DA, पुरानी पेंशन योजना बाल करने सहित क्रमोन्नति पदोन्नति को लेकर बड़ी मांग कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के कर्मचारियों-अधिकारियों ने तो 13 मार्च को बड़े आंदोलन की तैयारी कर ली है। वही शिवराज सरकार से मांग की है कि अगर बजट सत्र में पुरानी पेंशन बहाल नहीं की जाती है तो 13 मार्च को बड़ा आंदोलन होगा। MP में पुरानी पेंशन योजना की मांग आप रफ्तार पकड़ रही है। शासन स्तर पर भी इसके लिए हिसाब किताब का आकलन किया जा रहा है।

दरअसल जानकारी के मुताबिक हिसाब किताब की आंखों से देखा जाए तो पुरानी पेंशन योजना लागू करने के साथ इसका लाभ प्रदेश सरकार को भी मिल सकता है। मध्य प्रदेश में अभी पुरानी पेंशन योजना बहाल होती है तो हर साल सरकार को करीब ₹4000 करोड़ रुपए से अधिक की बचत होगी। जिसके बाद सरकार को हर महीने 334 करोड रुपए का फायदा होता नजर आ रहा है। MP में 7 मार्च से बजट सत्र की शुरुआत की जाएगी।

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इससे पहले राजनीतिक लाभ को देखते हुए और कांग्रेस द्वारा पुरानी पेंशन योजना सहित कर्मचारियों की अन्य मांगों को बजट सत्र में रखने की रणनीति तैयार की गई है। सत्ता और विपक्ष के करीब डेढ़ सौ से अधिक मध्यप्रदेश विधायक और नेता पुरानी पेंशन योजना लागू करने के समर्थन में आ चुके हैं। हालांकि अभी तक शिवराज सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना बहाली की घोषणा पर कोई निर्देश सामने नहीं आया है। माना जा रहा है कि बजट सत्र में पुरानी पेंशन योजना को लेकर शिवराज सरकार नए ऐलान कर सकती है।

बता दे कि एक कर्मचारी के खाते में सरकार को हर महीने लगभग ₹7000 अंशदाई के रूप में देने पड़ते हैं। जिसके बाद 1 महीने में यह राशि 210 करोड रुपए होती है और साल भर में इसका आकलन 2520 करोड़ रुपए माना जाता है। इसके अलावा 48000 स्थाई कर्मी भी पेंशन के दायरे में आते हैं। जिसके लिए सरकार को औसतन ₹2800 महीना जमा करना होता है। वही महीने 134 करोड़ रुपए रखी जाती है और सालाना इसकी आंकड़े 1608 करोड रुपए माने गए हैं। पुरानी पेंशन योजना लागू करने के बाद हर महीने सरकार को इस राशि की बचत मिलेगी। GPF और हर 6 महीने पर मिलने वाली महंगाई भत्ते का भी लाभ मिलेगा। पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों के पारिवारिक पेंशन की भी सुविधा उपलब्ध है।

जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में करीब 3,35,000 कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना की पात्रता रखते हैं। वही अंशदाई पेंशन योजना के बारे में 2,87,000 शिक्षक भी शामिल है। जिनमें से 85% शिक्षक 2032 में रिटायर होंगे। ऐसे में हर महीना उनके पेंशन पर सरकार को 5 करोड़ यानी कि 60 करोड़ सालाना रुपए खर्च करने होंगे।

इस मामले में आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के अध्यक्ष पटेल का कहना है कि पुरानी पेंशन बहाल करने से कर्मचारियों को लाभ होगा। उसके साथ ही शिवराज सरकार भी फायदे में रहेगी। हर महीना उन्हें 344 करोड़ों पर उन्हें Pension के अंशदान के रूप में अधिक खर्च करने पड़ रहे हैं जब 14 साल तक सेवानिवृत्त होने पर उन्हें सिर्फ ₹15 करोड़ रुपए सालाना में काम पूरा कर लिया जाएगा।


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Kashish Trivedi

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