भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के बीच एक और बीमारी (Disease) ने दस्तक दे दी है। इस बीमारी का नाम है स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) और पन्ना (Panna) सहित राज्य के कुछ हिस्सों में इसके मरीज मिले हैं। यह बीमारी चूहे (Rat), छछूंदर (Mole Rat) और गिलहरी (Squirrel) के जरिए फैलती है। इसके नियंत्रण और हालात का परीक्षण करने के लिए भोपाल (Bhopal) से तीन सदस्यीय टीम पन्ना भेजी गई है।
वैसे स्क्रब टाइफस बीमारी लगभग दो सौ साल पुरानी है। प्रदेश में इस बीमारी के मरीज कई हिस्सों में मिले है। पन्ना में अब तक चार मरीजों की पुष्टि हुई है, जिनमें से दो की मौत हो चुकी है। यह दो सौ साल पुराने वायरस (200 years old virus) से होने वाली बीमारी बताई जा रही है।
पन्ना के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एल.के. तिवारी ने बताया कि पन्ना के अलावा इस बीमारी के दमोह, सतना जबलपुर में स्क्रब टाइफस के मरीज मिले हैं। सामान्य तौर पर चूहों के शरीर पर पाए जाने वाले जीवाणु (ओरियंटा सुसु कैमोसी) के कारण यह बीमारी होती है। इस बीमारी में सामान्य बुखार के साथ शरीर में छोटे-छोटे दाने, चकत्ते होते हैं। ऐसा होने पर लोगों को तुरंत ही उपचार कराना चाहिए। समय पर उपचार होने से बीमारी पांच दिन में ही ठीक हो जाती है। पन्ना के अजयगढ़, अमानगंज व पवई के ग्रामीण इलाकों में मरीज मिले थे जिन्हें उपचार हेतु जबलपुर भेजा गया था। जहां जांच में उनमें स्क्रब टाइफस संक्रमण पाया गया।
स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि यह संक्रमण अधिक न फैले इसके लिए संक्रमित क्षेत्र में कई लोगों के सैंपल लिए गये हैं, जिनकी जांच की जा रही है। भोपाल से एक टीम भी आई है। वहीं यह बीमारी और न फैले, इसके प्रबंध किए जा रहे हैं। इसका इलाज संभव है मगर लापरवाही बरतने पर यह बीमारी गंभीर रुप ले लेती है। चिंता की जरुरत नहीं है क्योंकि इस बीमारी का इलाज है, लोगों को सतर्क किया जा रहा है, साफ-सफाई पर ध्यान देने के साथ चूहों से बचाव करें।