अशोकनगर, हितेंद्र बुधौलिया| कांग्रेस (congress) छोड़कर या यू कहे कि कांग्रेस की सरकार गिराकर BJP में शामिल होने एवं बीजेपी की सरकार बनबाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) को लेकर पिछले 1 साल से यह कयास लगाए जाते रहे थे कि क्या उनका कद BJP में उसी तरह का रहेगा जैसे कांग्रेस में होता था। आज मंत्रियों को जिलो के प्रभार की सूची (List of district charge to ministers) को गम्भीरता से देखे तो बीजेपी में सिंधिया (scindia) की दखल एवं दबदबा वैसा ही दिख रहा है जैसा कभी कॉंग्रेस में हुआ करता था।
करीब पौने दो दशक कोंग्रेस में रहकर काम करने बाले सिंधिया का पार्टी में अपने क्षेत्र को लेकर ऐसी तूती बोलती थी कि बिना उनकी मर्जी के कोंग्रेस संगठन में ग्वालियर संभाग (gwalior division) में पत्ता भी नही हिलता था। यह जगजाहिर सत्य है। सिंधिया के इस रुतवे मे न कभी कमलनाथ (kamalnath)ने खलल डाला ना दिग्विजय सिंह ने (digvijay singh) उनके क्षेत्र में कभी हस्तक्षेप किया।
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कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जब संधि आए तो यही यक्ष प्रश्न लगातार 1 साल से राजनीतिक गलियारों में घूम रहा था। क्योंकि बीजेपी को कैडर बेस एवं संगठनात्मक रूप से मजबूत पार्टी मानी जाती है। न केवल कांग्रेस के लोग बल्कि बीजेपी के लोग भी सिंधिया के कोंग्रेस बाले रुतबे के तरह भाजपा में दम एवं ठसक को लेकर कयास लगाते रहते थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अपने मंत्रियों को जिलों का जो प्रभार दिया है। उसको देखकर स्पष्ट होता है कि ग्वालियर चंबल संभाग में सिंधिया की एकतरफा चली है। क्योंकि इस संभाग के महत्वपूर्ण जिलों में जहां सिंधिया का दखल है।
उनमें सिंधिया समर्थक उन मंत्रियों को प्रभार दिया गया है जो कांग्रेस छोड़कर उनके साथ बीजेपी में आए थे। सिंधिया के गृह नगर ग्वालियर की बात करें तो सिंधिया के सबसे करीब एवं सबसे पुराने विश्वशनीय मंत्री तुलसी सिलावट को यहां की जिम्मेदारी सौंपी गई है ।इसके अलावा 17 वर्षों तक जिस गुना संसदीय क्षेत्र से ज्योतिरादित्य सिंधिया सांसद रहे ,उसके तीनों जिलों में सिंधिया समर्थक मंत्रियों को ही प्रभार मिला है।
शिवपुरी का प्रभार महेंद्र सिंह सिसोदिया को दिया गया है। जबकि ग्वालियर के मंत्री एवं सिंधिया के नाम की माला जपने वाले उनके कट्टर समर्थक प्रद्युम्न सिंह तोमर को गुना एवं अशोकनगर का प्रभार दिया है। जहां सिंधिया लंबे समय तक सांसद रहे एवं इस इलाके में से उनका आज भी संबंध बना हुआ। इन चारों जिलों में सिंधिया समर्थक मंत्रियों के प्रभारी मंत्री बनने से यह लगभग स्पष्ट होता है। कि कांग्रेस की तरह बीजेपी में भी सिंधिया ग्वालियर संभाग के बड़े क्षत्रप के तौर पर उभर कर सामने आ रहे हैं।