मध्यप्रदेश में धीरे-धीरे कोरोना (corona) का दायरा बढता ही जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकार भले ही लॉकडॉउन के तीसरे चरण में आर्थिक गतिविधियों (financial activities) को बढ़ाने की ओर कदम उठा रही हों, लेकिन इस बात को प्रदेश के दृष्टिकोण से अगर देखें तो यह किसी बड़े खतरे को बुलावा देने जैसा है।
दरअसल मध्यप्रदेश में कोरोना (corona) के संक्रमण का फैलाव बढ़ता ही जा रहा है। प्रदेश के 35 जिलों को इस संक्रमण ने अपनी गिरफ्त में जकड़ लिया है, वहीं प्रदेश के गांव (villages) जो अब तक इस महामारी की मार से बचे हुए थे वो भी इसकी जद में आ रहे हैं। पूरे प्रदेश में 60 से ज्यादा गांव अब तक इसकी चपेट में आ चुके हैं। सरकारी आकंडों (facts) की अगर बात करें तो प्रदेश में 15 अप्रैल तक केवल 26 ही जिले संक्रमित की श्रेणी में थे लेकिन 4 मई आते-आते यह संख्या 35 हो गई है। एक हफ्ते में निवाडी, पन्ना, कटनी, अशोकनगर, सतना, रीवा और डिंडौरी में नए मरीज सामने आने से ग्रीन जोन (green zone) में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को साफ देखा जा सकता हैं। हैरानी की बात यह है यह वो जिले हैं जहां सरकार ने लॉकडाउन में छूट देते हुए आर्थिक गतिविधियों को दुबारा शुरू किया था।
एक तरफ सरकार (government) ये दावा कर रही है कि हम कोरोना (corona) पर काबू पा रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ ग्रीन जोन की तरफ बढता संक्रमण सरकार के दांवों को फैल साबित करने के लिए काफी है।
आंकड़ें-
15 अप्रैल तक प्रदेश में थे 741 कोरोना के मरीज
कोरोना से मौत का आकंडा 15 अप्रैल तक 53 था
आज 5 मई को पूरे प्रदेश में 3000 हजार से ज्यादा मरीज हैं
और मरने वालो की संख्यां है पहुंती 157 से ज्यादा