इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) में कोरोना काल में जांच और टैक्स के आगे एक राहत आफत में बदल गई है। इंदौर के सीए एसोसिएशन (CA Association) ने एक पहल इंदौर के लिए की है। इस पहल के बाद सरकार ने अड़ंगा लगा दिया है। सीए एसोसिएशन की पहल पर नीदरलैंड्स से भेजी गई ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन (Oxygen concentrator machine) को इंदौर तक लाने में सरकार टैक्स के फेर में उलझ कर रह गई। जिसमें तीन लाख रुपये टैक्स और एक हजार रुपये रिश्वत देनी पड़ी।
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दरअसल, इंदौर में कोरोना संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए विदेश में रह रहे इंदौरियों ने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन के साथ मिलकर ऑक्सिजन कंसंट्रेटर मशीन भेजने का फैसला किया था। जिसके लिए विदेश में रह रहे इंदौरियों ने करीब 18 लाख रुपये जमा किए। इसके बाद सीए संस्था ने अपने सदस्यों से 12 लाख रुपये जुटाए। 30 लाख में 45 ऑक्सिजन कंसंट्रेटर मशीन नीदरलैंड्स से खरीदी गई। बता दे कि नीदरलैंड्स की सरकार ने स्थिति की गंभीरता समझते हुए केवल 24 घंटे में सभी मशीनें देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पहुंचा दी। नीदरलैंड्स से चली मशीनें सात हजार किमी दूर मुंबई एयरपोर्ट पर 3 मई को पहुंच गईं, लेकिन अपने देश में आकर वे टैक्स के नियम-कायदों और सिस्टम के भ्रष्टाचार में उलझ कर रह गई। पहले तो फाउडेंशन ने मुंबई से मशीनों को रवाना करने के लिए तीन लाख रुपये कस्टम ड्यूटी चुकाई गई। इसके बाद रास्ते में चैकी पर ट्रक को रोक दिया गया। काफी देर की हुज्जत के बाद वहां पर जांच की कार्रवाई की जो देर तक चलती रही। मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर के लिए ऑक्सिजन कंसंट्रेटर मशीनें नीदरलैंड्स से भारत 24 घंटे में पहुंच गई, लेकिन वहां से इंदौर आने में इसे 48 घंटों से भी ज्यादा समय लग गया। वो भी तब जबकि रास्ते में तीन लाख रुपये टैक्स और एक हजार रुपये रिश्वत देनी पड़ी। बस ये ही बात देश में कोरोना पर लगाम लगाने में नाकामयाब हो रही है ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है।