भोपाल| जेलों में बंद कैदियों को बाहरी खाद्य सामग्री पहुंचाने के मामले को लेकर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद सुर्ख़ियों में है| उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से साफ तौर पर दो टूक शब्दों में कहा है, ‘मुख्यमंत्री जेल डीजी को हटाएं. अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो मैं खुद उन्हें देख लूंगा’| इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कांग्रेस विधायक पर आतंकवादियों की पैरवी करने के आरोप लगाए हैं| जिसके बाद विधायक मसूद ने इसको लेकर अपनी सफाई दी है| लेकिन यह मामला तूल पकड़ गया है और कांग्रेस विधायक का पुलिस अधिकारी को सीधे निशाने पर लेना पुलिस महकमे के अफसरों को रास नहीं आया है| डीएसपी चौधरी मदन मोहन समर ने उनके खिलाफ तीखा पोस्ट किया है और देख लेने की धमकी पर जमकर हमला बोला है| इससे पहले भी समर मप्र के पूर्व डीजीपी को लेकर मंत्री गोविन्द सिंह द्वारा दिए गए बयान पर टिप्पणी कर सुर्ख़ियों में आ गए थे|
समर पुलिस अधिकारी के साथ ही राष्ट्रकवि भी हैं। मदन मोहन समर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए भोपाल मध्य से विधायक आरिफ मसूद को जवाब दिया है। यह जवाब डीजी जेल संजय चौधरी के खिलाफ विधायक की तरफ से दी गई धमकी के जवाब में हैं। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि यह मुख्यमंत्री कमलनाथ को धमकी देते हैं कि डीजी जेल श्री संजय चौधरी को हटाओ नहीं तो मैं खुद देख लूंगा। खुद देख लूंगा से क्या तातपर्य है? वही न जो गदर फ़िल्म पर प्रतिबंध लगाने के लिए इन्होंने कहा था और दिग्विजय जी ने प्रतिबन्ध नहीं लगाया था तो इन्होंने खुद देख लिया था। खुद ही देखा था भोपाल में दंगा करवा कर, जी इन्होंने खुद ही देखा था लिली टाकीज को जला कर और इन्होंने खुद ही देखा था वर्दीधारी पुलिस पर अपने अनुयायियों के साथ हमला करके। आखिर विधायक उन कैदियों के सरपरस्त बनने का मौका क्यों छोड़े। क्या सुविधा चाहिए उन्हें, क्या बाहरी सामग्री भेजना चाहते है ये विधायक जी जेल के भीतर। पुलिस अधिकारी की इस पोस्ट से हड़कंप मच गया है|
विधायक मसूद ने दी सफाई-
इससे पहले कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने जेल में बंद सिमी आतंकियों के समर्थन की बात को खारिज करते हुए फाई दी है। आरिफ मसूद ने कहा है कि मध्यप्रदेश की जेलों में बंद हजारों कैदियों के बेहतर खाने पीने की मांग उन्होंने जेल प्रशासन से की है, न की जेल में बंद सिमी आतंकियों की। आरिफ मसूद ने बताया की जेल डीजी संजय चौधरी से तीन महीने पहले ही उन्होंने जेल मेनुअल के मुताबिक जेल में बंद कैदियों को रोजा इफ्तारी के लिए या फिर हिंदू कैदियों के लिए बेहतर खाने के इंतजाम करने की मांग की थी। जिसे आज जेल प्रशासन ने मान लिया है। बीजेपी पर आरोप लगाते हुए मसूद ने कहा दुष्प्रचार करने में माहिर बीजेपी अपने काम में लग गयी है, मैंने कभी अपने बयान में सिमी आतंकी शब्द का जिक्र नहीं किया था| उन्होंने कहा जेल डीजी भाजपा की मानसिकता से काम कर रहे हैं। शायद वह मुख्यमंत्री के कहने पर अब ठीक हो गए हैं। मैंने कभी भी सिमी का समर्थन नहीं किया है। हम जुल्म और आतंकवाद के हमेशा खिलाफ रहे हैं और रहेंगे। मैं फिर से कह रहा हूं कि जो अधिकारी गड़बड़ कर रहे हैं और भाजपा की मानसिकता के अनुसार काम कर रहे हैं। उन्हें भी सुधर जाना चाहिए। जो नहीं सुधरेंगे, वो 23 मई का परिणाम आने के बाद सुधर जाएंगे।
शिवराज बोले-विधायक सीएम को हड़का रहा है, आतंकवादियों की पैरवी कर रहा है
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बुधवार को भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस में चौहान ने कहा कि कांग्रेस विधायक आतंकवादियों की पैरवी कर रहा है। उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस का हाथ आतंकवादियों के साथ है? शिवराज ने कहा अभी हमने एक वीडियो देखा, जिसमें भोपाल से कांग्रेस विधायक मुख्यमंत्री कमलनाथ को हड़का रहे हैं। कह रहे हैं डीजी जेल को हटाओ, वरना हम देख लेंगे। कांग्रेस का एक विधायक आतंकवादियों की पैरवी कर रहा है। कांग्रेस का विधायक बाहर से जेल में सामान भेजना चाहता है। जेल की सुरक्षा रखनी पड़ेगी। कांग्रेस हम पर आरोप लगा रही है जबकि उनका विधायक सीएम तक को हड़का रहा है।
पुलिस अधिकारी ने यह किया पोस्ट
यह विधायक श्री आरिफ मसूद जी हैं। जी हां विधायक श्री आरिफ मसूद जी।मध्य प्रदेश विधानसभा में भोपाल मध्य विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित विधायक श्री आरिफ मसूद जी। यह मुख्यमंत्री कमलनाथ को धमकी देते हैं कि डीजी जेल श्री संजय चौधरी को हटाओ नहीं तो मैं खुद देख लूंगा। खुद देख लूंगा से क्या तातपर्य है? वही न जो गदर फ़िल्म पर प्रतिबंध लगाने के लिए इन्होंने कहा था और दिग्विजय जी ने प्रतिबन्ध नहीं लगाया था तो इन्होंने खुद देख लिया था। खुद ही देखा था भोपाल में दंगा करवा कर, जी इन्होंने खुद ही देखा था लिली टाकीज को जला कर और इन्होंने खुद ही देखा था वर्दीधारी पुलिस पर अपने अनुयायियों के साथ हमला करके।
एक विधायक किसी दरोगा, टीआई, डिप्टी, एसपी य आईजी को हटाने की बात करे तो माना जाता है कि विधायक महोदय के इनसे सम्बन्ध खराब हो गए होंगे।ये विधायक का हस्तक्षेप नहीं मान रहे होंगे।लेकिन डीजी जेल से सम्बन्ध कैसे खराब हुए? जेल में विधायक का क्या हस्तक्षेप? यह विचारणीय प्रश्न है। भोपाल जेल में अनेक खतरनाक कैदी हैं।वे कौन हैं यह सब जानते हैं। आखिर विधायक उन कैदियों के सरपरस्त बनने का मौका क्यों छोड़े।क्या सुविधा चाहिए उन्हें, क्या बाहरी सामग्री भेजना चाहते है ये विधायक जी जेल के भीतर।
लोकतंत्र ने आरिफ मसूद को माननीय विधायक आरिफ मसूद जी बनाया है। और इनके बोल हैं मुख्यमंत्री निर्णय लें य मैं खुद देख लूंगा।अर्थात सीधी धमकी।याद रहे यह भोपाल है यहां अब लिली टाकीज कांड दुबारा नहीं हो सकेगा। किन्तु क्या आगामी दिनों में भोपाल टकराहट की चिनगारियाँ देखने को तैयार रहे?