भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। राज्य चुनाव आयोग द्वारा मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ का ओबीसी आरक्षण को लेकर बड़ा बयान सामने आया है।कमलनाथ ने मध्य प्रदेश भाजपा पर ओबीसी वर्ग के साथ धोखाधड़ी करने का आंकड़े पेश बड़ा आरोप लगाया है।
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आज मीडिया से चर्चा करते हुए कमलनाथ ने कहा कि जिला पंचायत के 875 सदस्य पूरे प्रदेश में हैं, जबकी OBC को 98 पद मिले है यानी जिला पंचायत सदस्य के लिए प्रदेश में कुल 11.2% आरक्षण मिला है। 19 जिलों में जिला पंचायत सदस्य के लिए एक भी पद ओबीसी को नहीं मिला है। यही हाल जनपद पंचायत का है।
मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ घोर अन्याय किया है। 2022 के पंचायत चुनाव में भाजपा सरकार ने ओबीसी वर्ग को जिला पंचायत सदस्य की मात्र 11.2 % सीटें, जनपद पंचायत अध्यक्ष की मात्र 9.5 % सीटें, जनपद पंचायत सदस्य की मात्र 11.5 % सीटें और सरपंच की मात्र 12.5 % सीटें दी हैं । यही नहीं..अन्य पिछड़ा वर्ग को 19 जिलों में जिला पंचायत सदस्य के शून्य पद, 28 जिलों में जनपद पंचायत अध्यक्ष के लिए शून्य पद और 10 जिलों में जनपद पंचायत सदस्य के लिए शून्य पद दिए है।
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कमलनाथ ने कहा कि जनपद पंचायत अध्यक्ष के 313 पद है। इनमें 30 पद ओबीसी को मिले है। यानी 9.5%। 28 जिलों में जनपद अध्यक्ष का एक भी पद ओबसी को नहीं मिला। वहीं, जनपद पंचायत सदस्य के 6771 पद है। इसमें 780 पद ओबीसी को मिले है। यानी 11.5%। यानी 10 जिलों में जनपद पंचायत सदस्य का एक भी पद ओबीसी को नहीं मिला है। सरपंच के कुल 22 हजार 424 पद है। इसमें 2821 पद ओबीसी को मिले है। जो 12.5% है। बीजेपी ने ओबीसी के साथ आरक्षण के नाम पर धोखा किया है।
कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पंचायत चुनावों में पूरा ओबीसी आरक्षण नहीं मिला है। नए आरक्षण से ओबीसी सीटें आधी हुई है। ओबीसी आरक्षण रद्द कराने की यह राज्य सरकार ने साजिश की।ग्राम पंचायत चुनाव बिना सेंबोलिक कांग्रेस दखलअंदाजी नहीं करेगी।नगरीय निकाय चुनावों में हम अपने योग्य उम्मीदवार उतारेंगे । शिवराज जी छाती ठोक कह रहे है कि हम 35% दे रहे है। हम 30% दे रहे है। असली बात 9 से 10% तक का आरक्षण की आ रही है।
मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ घोर अन्याय किया है।
2022 के पंचायत चुनाव में भाजपा सरकार ने ओबीसी वर्ग को जिला पंचायत सदस्य की मात्र 11.2 % सीटें, जनपद पंचायत अध्यक्ष की मात्र 9.5 % सीटें, जनपद पंचायत सदस्य की मात्र 11.5 % सीटें..
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 28, 2022