भोपाल। अपने अधीनस्थों को समय पर काम करने की सीख देने वाले आईएएस अफसर खुद अपनी कार्यशैली को लेकर सवालों में हैं। हाल ही में सरकार ने बड़े पैमाने पर आईएएस अफसरों के तबादले किए हैं। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा एवं वाणिज्य कर विभाग के प्रमुख सचिव मनु श्रीवास्तव को सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। उनके विभाग से जाने के बाद एक बड़ा खुलासा हुआ। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीएस श्रीवास्तव को रजिस्ट्रेशन, एक्साइज और कमर्शियल टैक्स से संबंधित फाइल भेजनी थी। सूत्रों के मुताबिक लेकिन श्रीवास्तव ने वह फाइल दस महीने पुरानी थी।
दरअसल, पूर्व सरकार ने किसी भी फाइल के समाधान के लिए समय सीमा तय की थी। जो वर्तमान में भी लागू है। अधिकारियों द्वारा कितने दिनों तक फाइल उनके पास रखी गई इसका पूरा हिसाब रखा जाता है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पद की शपथ लेने के बाद सभी विभागों को कामकाज करने के लिए आदेश दिए थे। लेकिन उसके बाद भी पीएस के दफ्तर में महीनों तक फाइल धूल खाती रहीं। सूत्रों का कहना है कि पीएस श्रीवास्तव को हटाए जाने का कारण भी फाइलों में होने वाली देरी है। इसके अलावा विभाग में भी उनके अपने कर्मचारियों के साथ विवाद होते रहते थे। राज्य सरकार वाणिज्य कर विभाग से राजस्व वसूली ज्यादा चाहती थी। लेकिन हाल ही में राजस्व वसूली की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि विभाग दिए गए लक्ष्य से भी पीछे चल रहा था।