कांग्रेस ने प्रहलाद पटेल के ‘भीख मांगने’ वाले बयान पर बीजेपी से किए 6 सवाल, पूछा ‘क्या मध्यप्रदेश की जनता भिखारी है’

कांग्रेस प्रवक्ता मिथुन प्रहलाद ने पूछा कि जनता इन्हें वोट दे, इनकम टैक्स दे, जीएसटी दे और रिश्वत भी दे। ऐसे में भिखारी कौन है ? 'मुफ्त की चीजों के प्रति आकर्षण वीरांगनाओं का सम्मान नहीं है' मंत्रीजी की इस बात पर उन्होंने पूछा कि क्या बीजेपी सरकार लाड़ली बहनों को भिखारी मानती है। वहीं, उनके स्पष्टीकरण पर सवाल करते हुए कांग्रेस ने कहा कि अगर वे स्वजातीय बंधुओं की बात कह रहे हैं तो क्या वे ओबीसी समाज को भिखारी मानते हैं। इसी के साथ विपक्ष ने उनसे माफी मांगने और सरकार से उनका इस्तीफा लेने की मांग भी की है। 

Shruty Kushwaha
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Congress on Prahlad Patel Begging Statement : मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री प्रहलाद पटेल के ‘भीख मांगने’ वाले बयान पर कांग्रेस ने बीजेपी सरकार से छह सवाल पूछे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता मिथुन प्रहलाद ने उनके विवादास्पद बयान का वाक्य दर वाक्य उल्लेख करते हुए उनकी हर बात पर प्रश्न किए हैं और बीजेपी सरकार से इनके जवाब मांगे हैं। इसी के साथ, कांग्रेस ने कहा है कि प्रहलाद पटेल जी पूरे ओबीसी समाज और सामान्य जनता को भिखारी कहने पर माफी मांगे तथा बीजेपी उनका इस्तीफा ले।

बता दें कि कुछ दिन पहले राजगढ़ जिले के सुठालिया में वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी की प्रतिमा के अनावरण समारोह में प्रहलाद पटेल ने कहा था कि अब तो लोगों की सरकार से भीख मांगने की आदत पड़ गई है। उन्होंने मंच से कहा कि ‘नेता आते हैं, तो उन्हें टोकना भर कागज मिलते हैं। मंच पर माला पहनाएंगे और पत्र पकड़ा देंगे। ये अच्छी आदत नहीं है। लेने के बजाय देने का मानस बनाइए। मैं दावे से कहता हूं  आप भी सुखी होंगे और एक संस्कारवान समाज को हम खड़ा करेंगे। ये भिखारियों की फौज इकट्ठा करना समाज को मज़बूत करना नहीं है, समाज को कमजोर करना है।’

प्रहलाद पटेल के बयान पर कांग्रेस का प्रदेशव्यापी आंदोलन

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल के ‘भीख मांगने’ और ‘भिखारियों की फौज’ वाले विवादास्पद बयान पर कांग्रेस ने छह प्रश्न किए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता मिथुन अहिरवार ने इन प्रश्नों के साथ ये भी कहा कि प्रहलाद पटेल पूरे समाज का अपमान करने के लिए सार्वजनिक माफी मांगे और बीजेपी सरकार उनका इस्तीफा ले। पिछले दिनों मंच से उनके इस भाषण के बाद से ही कांग्रेस लगातार हमलावर है और उसने इस बयान के विरोध में प्रदेशभऱ में आंदोलन करने का ऐलान भी किया है।

विपक्ष ने प्रहलाद पटेल और बीजेपी सरकार के किए ये सवाल

कांग्रेस प्रवक्ता मिथुन अहिरवार ने भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ‘मध्यप्रदेश सरकार में ऐसे लोग बैठे हैं जो चुनाव के पहले ये कहते थे कि जनता की समस्याएं यदि हल नहीं हुई तो उनके लिए मैं सड़क पर आ जाऊंगा। और आज जब वो सरकार में आ गए हैं और जनता जब अपने जायज़ अधिकारों की मांग लेकर उनके पास जाती है तो उन्हें दुत्कारते हुए भिखारी बता देते हैं।’ उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश शासन के मंत्री प्रहलाद पटेल के द्वारा जनता का लगातार अपमान किया जा रहा है और उसपर जो बचकानी सफाई दी जा रही है उसे लेकर प्रदेश कांग्रेस द्वारा मुख्य रूप से उनसे छह प्रश्न पूछे गए हैं:

1. प्रहलाद पटेल ने अपने बयान में एक बात कही थी कि लेने की बजाय देने का मानस बनाएं। तो मध्यप्रदेश की सरकार अब तक चार लाख अस्सी करोड़ का कर्ज ले चुकी है, जो औसतन हर महीने पाँच हज़ार करोड़ से ज्यादा कर्ज ले रही है। तो सरकार बताए कि सरकार भिखारी है या मध्यप्रदेश की जनता भिखारी है। लेने की बजाय देने का मानस बताने की बात पर..जनता इन्हें वोट दे। जनता इन्हें इनकम टैक्स दे। जनता इन्हें जीएसटी दे। ये जो अधिकारियों के माध्यम से अड़ंगे लगाते हैं उसके बाद जनता मजबूर होकर इन्हें रिश्वत भी दे। इतना दे कि सौरभ शर्मा की गाड़ी कहीं नोटों की गड्‍डियों से तो कहीं सोने की ईंटों से भर जाती है..उसके बाद भी जनता से कितना चाहते हैं।

2. वो मंत्री जिन्होंने जनता की जायज़ मांग को लेकर ये कहा कि लोग सरकार से भीख मांगने के आदी हो गए हैं, उन्होंने चुनौती देते हुए ये प्रश्न पूछा कि किसी शहीद का नाम जानते हो जिसने किसी से भीख मांगी हो तो मुझे बताना। इसपर कांग्रेस पार्टी उनसे प्रश्न करना चाहती है कि एक बार जो व्यक्ति शहीद हो गया वो तो किसी से कुछ मांग ही नहीं सकता। लेकिन, इसके परिजनों का जो अधिकार है, यदि वो अधिकार उन्हें नहीं मिलते हैं और वो कागज़ पर लिखकर भाजपा की सरकार से मांग करते हैं तो क्या वो शहीदों के परिवार भिखारी हैं ? भाजपा को इस बात पर जवाब देना चाहिए।

3. इन्होंने कहा है भिखारियों की फौज..मुफ्त की चीजों के प्रति आकर्षण वीरांगनाओं का सम्मान नहीं है। हम पूछना चाहते हैं कि वीरांगनाओं को बीच में लाकर यदि आप कह रहे हैं कि मुफ्त की चीजें वीरांगनाओं का सम्मान नहीं है तो मध्यप्रदेश की एक करोड़ उनतीस लाख लाड़ली बहनों को क्या ये वीरांगना नहीं मानते हैं। इस बात का जवाब भारतीय जनता पार्टी की सरकार को देना चाहिए। लाड़ली बहना को लाड़ली भिखारिन कहने का जो कुत्सित प्रयास है, हमारी बहनों का जो अपमान किया जा रहा है इसे लेकर हमारा तीसरा प्रश्न है।

4. मंत्री जी ने कहा है कि स्वाभिमान से समाज को खड़ा करना अपराध नहीं है। उस समाज में जब आप फ्री की राजनीति की बात करते हैं..आपके नेताओं ने ये दावे किए कि हम मुफ्त में कुछ योजनाएं दे रहे हैं। तो उन मुफ्त की योजनाओं को देने वाले सभी बड़े नेताओं के लिए क्या आप यही बात कहेंगे। अगर ये नेता मुफ्त की योजनाएं दे रहे हैं तो क्या समाज को स्वाभिमान से खड़ा नहीं करना अपराध है। तो क्या बीजेपी के सभी बड़े नेता अपराधी हैं ?

5. विवाद बढ़ने पर प्रहलाद पटेल ने बचकानी सफाई दी है कि वो अपने स्वजातीय बंधुओं को लेकर ये बात कह रहे थे। कांग्रेस ने तो इसमें जाति की कोई बात नहीं की। हमने कहा कि ये प्रदेश की जनता का अपमान है। हम ये जानते हैं कि पीएम मोदी ने देश में चार जातियां बताई थीं..किसान, गरीब महिला और युवा। तो यहां मंत्रीजी द्वारा किसानों को भिखमंगा कहा जा रहा है, युवाओं को गरीबों को या महिलाओं को भिखमंगा कहा जा रहा है। इस बात को स्पष्ट करें। यदि वो नरेंद्र मोदी जी की बात से असहमत हैं और जाति की बात कर रहे हैं तो ये बताएं। हमारी जानकारी में है कि प्रहलाद पटेल अन्य पिछड़ा वर्ग से ओबीसी समाज से संबंध रखते हैं। पूरे देश में आज ये चर्चा का विषय होना चाहिए कि ओबीसी समाज, जिसका हम सम्मान करते हैं जिसके अधिकारों की लड़ाई हम लड़ रहे हैं, उसकी क्या दशा है। मंत्रीजी ने कहा है कि मैंने भीख मांगने वाली बात अपने स्वजातीय बंधुओं से अपने समाज से कही है..तो क्या बीजेपी ओबीसी समाज के लोगों को भिखमंगा मानती है। इसका जवाब उन्हें देना चाहिए।

6. हम सब भोपाल में रहते हैं। भोपाल में एक आदेश जारी किया गया है जिसके तहत अबसे भीख लेना और देना अपराध है। जो भीख लेगा और देगा उसे जेल में डाल दिया जाएगा। तो क्या भाजपा का षड्यंत्र है कि अपना अधिकार कागज़ पर लिखकर देना, इसे भीख घोषित करके जनता को अपराधी साबित करके, जनता को जेल में डालने का। क्या भारतीय जनता पार्टी द्वारा ये षड्यंत्र किया जा रहा है।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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