जबलपुर, संदीप कुमार। कोरोना काल में जहां कोरोना मरीजों को अस्पतालों में बीएड नहीं मिल रहे हैं, ऐसे में अन्य बीमारी वाले मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा समस्या कोरोना संकट में गर्भवती महिलाओं को हो रही है, जिनकी डिलीवरी होना है। जबलपुर संभाग का सबसे बड़ा लेडी एल्गिन रानी दुर्गावती अस्पताल (Lady Elgin Rani Durgavati Hospital) में लिखा ये स्लोगन ‘सुरक्षित मातृत्व आश्वासन’ इस हॉस्पिटल की जिम्मेदारी और बढ़ा रहा है। इस अस्प्ताल में रोजाना 30 से 40 प्रसव हो रहे हैं। खास बात ये है कि लेडी एल्गिन अस्प्ताल में महिलाओ को वो सुविधा मिल रही है जो कि निजी अस्पताल में हजारों रुपए खर्च करने के बाद मिलती है। लेडी एल्गिन अस्पताल में कोशिश की जाती है कि महिलाओ की नार्मल डिलीवरी हो और ईलाज के दौरान जच्चा-बच्चा दोनो सुरक्षित रहे।
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जबलपुर निवासी संध्या पाटकर बताती है कि उनके पास इतने रुपए थे कि वह आराम से निजी अस्पताल में अपनी बेटी का प्रसव करवा सकती थी पर उन्हें राज्य सरकार की स्वास्थ्य सुविधा पर भरोसा था। उन्होंने माना कि सरकारी अस्पताल में मरीजो के लिए बेहतर से बेहतर सुविधा है इसी वजह से अपनी बेटी की डिलीवरी शासकीय एल्गिन अस्प्ताल में करवाई, इसी तरह अमित ठाकुर का भी मनाना है कि लेडी एल्गिन अस्प्ताल एक बेहतर अस्प्ताल है।
खतरों से खेल रहे है अस्पताल के कर्मचारी
कोरोना काल के इस दौर में जब इस भयंकर महामारी से हर कोई बचना चाहता है उस समय यहां पदस्थ लेडी स्टाफ नर्स अपनी जान जोखिम में डालकर महिलाओं का न सिर्फ प्रसव करवा रहे है बल्कि खुद भी कोरोना से बचने का प्रयास करते है। हालांकि कई स्टाफ नर्स कोरोना पॉजिटिव महिलाओं का इलाज और प्रसव करवाने के दौरान पॉजिटिव हो जाती है। वर्तमान में एल्गिन अस्प्ताल में पदस्थ करीब आधा स्टाफ पॉजिटिव है, लेडी एल्गिन अस्पताल में पदस्थ स्टाफ नर्स निशा चंदेल की माने तो इस कोरोनावायरस ड्यूटी करना खतरे से खाली नहीं है बावजूद इसके वह अपने फर्ज को बखूबी निभा रही हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही के समय में अस्पताल में स्टाफ की काफी कमी आई है क्योंकि कुछ स्टाफ नर्स और डॉक्टर पॉजिटिव आए है।
हर माह होती है करीब 1200 महिलाओ की डिलीवरी
रानी दुर्गावती लेडी एल्गिन अस्पताल जबलपुर संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है इस अस्पताल में हर माह करीब 1200 महिलाओं की डिलीवरी होती है। कभी-कभी तो यह आंकड़ा 1500 के पार पहुंच जाता है। कोरोना संक्रमण काल मे एल्गिन अस्पताल में महिलाओ के डिलीवरी की संख्या भी बढ़ गई है। जिसकी मूख्य वजह यह है कि कोविड के इस समय मे कुछ अस्प्ताल ही डिलीवरी संबंधित सुविधा दे रहे है और उनके चार्ज बहुत ज्यादा है, चलते महिलाओं की डिलीवरी की संख्या सरकारी अस्पताल में बढ़ गई है।
महिलाओं के लिए अलग से सस्पेक्टेड वार्ड
जबलपुर जिले के प्रभारी सीएमएचओ डॉक्टर संजय मिश्रा बताते हैं कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए लेडी एल्गिन अस्पताल में एक अलग से सस्पेक्टेड वार्ड बनाया गया है। जिसमें कि कोई भी वह महिला जिसे की सर्दी-बुखार के लक्षण होते हैं और 9 माह की उसकी गर्भावस्था हो चुकी होती है तो उसे उसी वार्ड में रखा जाता है और फिर उसके टेस्ट आने के बाद अगर वह पॉजिटिव आती है तो फिर शासन के निर्देशानुसार उसे मेडिकल कॉलेज रेफर किया जाता है। इसके अलावा सस्पेक्टेड महिलाओं के प्रसव के लिए ऑपरेशन थिएटर भी अस्पताल में अलग बनाया गया है।