मध्यप्रदेश में ‘प्रीपेड’ और ‘पोस्टपेड’ अधिकारी

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भोपाल| मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और 10 साल तक मध्य प्रदेश में एकछत्र राज करने वाले कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह के एक बयान ने प्रशासनिक अमलो में खलबली मचा दी है। दिग्विजय सिंह ने रविवार को इंदौर में रेसीडेंसी कोठी में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि बीजेपी के शासन काल में ढर्रा इतना बिगड़ चुका था कि कलेक्टर कमिश्नर जैसे प्रशासनिक अफसरों के तबादलों में अभी दलालों की भूमिका हो गई थी। इन अधिकारियों की पोस्टिंग कर उनका मनचाहा उपयोग बीजेपी सरकार किया करती थी। दिग्विजय सिंह के बयान को लेकर एक सेवानिवृत्त नौकरशाह का कहना है कि इसमें कुछ भी नया नहीं है। कांग्रेस के शासनकाल में भी ऐसा ही होता था जब सरकार मनचाही पोस्टिंग के लिए अधिकारियों से कीमत वसूलती थी या फिर  उन्हें सरकार के पक्ष मे मनमर्जी से काम करने के शर्त पर उनकी पोस्टिंग किया करती थी। जो अधिकारी ऐसा करने में कुछ को सक्षम नहीं पाते थे वह लूप लाइन में ही  रह जाते थे। 

अब जब कांग्रेस की सरकार बन गई है एक बार फिर जिले से भोपाल तक और भोपाल से दिल्ली तक विभिन्न दलाल इस बात को लेकर सक्रिय हो गए हैं कि कैसे मनमर्जी की पोस्टिंगे कराई जाएं। कुछ आईएएस अधिकारियों के पास इस तरह के फोन पहुंचे हैं जहां उन्हें मनमर्जी के जिले में पोस्टिंग के लिए या तो पैसे मांगे जा रहे हैं या फिर पोस्टिंग के बाद पोस्टिंग कराने वाले को उपकृत करने की बात की जा रही है। अब इन परिस्थितियों को स्वीकार करने वाले अधिकारी अच्छी पोस्टिंग तो पा जाएंगे लेकिन वह जनहित में कितना काम कर पाएंगे यह समझने वाली बात है|


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