जेल में बंद था पति, पत्नी आती थी मिलने, दूसरे कैदी से हुआ प्यार और उसके संग फरार

दगाबाज़ दोस्त और बेवफ़ा पत्नी से बदला लेने के लिए पुलिस कस्टडी से फरार हुआ कैदी, लेकिन नाकाम हुए मंसूबे, पुलिस ने धर दबोचा

Story of friendship, love, infidelity and revenge : प्यार- कब कहां किसे किससे हो जाए..कह नहीं सकते। ये इकलौता फूल है जो रेगिस्तान से लेकर नदी पहाड़ जंगल कहीं भी खिल सकता है, यहां तक कि जेल में भी। जी हां..सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन जहां चार बर्तन होंगे वहां खटपट भी हो सकती है और मुहब्बत भी।और इसके लिए जरुरी नहीं कि सारे बर्तन एक साथ एक ही जगह जमे हुए हों, कई बार ये काम कुछ गेस्ट फेकल्टी से भी हो सकता है।

पुलिस कस्टडी से क्यों भागा वाजिद

तो मामला है उत्तर प्रदेश के अमरोहा का। बीते दिनों वाजिद अली नाम के अपराधी को मुरादाबाद जेल से अमरोहा लाया जा रहा था। वो पुलिस वैन में था और मौका पाते ही चलती वैन से कूदकर फरार हो गया। ज़ाहिर तौर पर उसकी तलाशी के लिए अभियान छेड़ा गया और मंगरवार को वो पुलिस के हत्थे भी चढ़ गया। इस भागमभाग में वाजिद के पैर में गोली लगी और उसे अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद उसके बयान हुए।

दोस्ती, इश्क और बदले की दास्तान

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लेकिन ये कहानी असल में वाजिद की तो है ही नहीं। कहानी तो मुहब्बत की है जिसमें नायिका है वाजिद की पत्नी। दरअसल साल भर पहले जब वाजिद मुरादाबाद जेल में था तो वहां उसकी दोस्ती रिजवान नाम के कैदी के साथ हो गई। जेल में वाजिद से मिलने उसकी पत्नी भी आती थी। इसी दौरान उसने अपनी पत्नी की मुलाकात रिजवान से भी करा दी। अब उसे खबर ही नहीं हुई कि कब धीरे धीरे उसकी पत्नी और उसका दोस्त एक दूसरे के करीब आ गए। जब उसे इस बात का अंदाजा हुआ तो जेल में उसकी रिजवान के साथ कहासुनी भी हुई। लेकिन इश्क भला किसका कहा मानता है। कुछ समय बाद जब रिजवान जेल से छूट गया तो बाहर आते ही वो और वाजिद की पत्नी एक साथ फरार हो गए।

कहानी पूरी फिल्मी है

बस इसके बाद वाजिद अपने दगाबाज दोस्त रिजवान को सबक सिखाना चाहता था और इसीलिए जब उसे पेशी के लिए अमरोहा लाया जा रहा था तो वो पुलिस कस्टडी से भाग निकला। भागने के बाद वो रिजवान और अपनी पत्नी को तलाश रहा था लेकिन मौके पर ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया। उसके पास से अवैध तमंचा और कारतूस भी बरामद हुए हैं। इससे उसका इरादा साफ जाहिर होता है। अगर उसे रिजवान या अपनी पत्नी मिल जाती तो तय था कि वो उनको किसी हाल नहीं छोड़ता। ये पूरी कहानी किसी फिल्म के प्लॉट सी लगती है जहां शादी, दोस्ती, प्यार, बेवफाई और बदला..सारे मसाले मौजूद है।  बहरहाल, वाजिद एक बार फिर जेल में है और ये उम्मीद की जानी चाहिए कि उसके सीने में जल रही बदले की आग जल्द ही ठंडी पड़ जाए, क्योंकि ऐसा न होने पर वो फिर फिर कभी आगे भी भागने की कोशिश कर सकता है।