ग्वालियर। कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा पिछले दिनों शहर विकास और स्मार्ट सिटी से जुड़ी बैठक लिए जाने का मामला एक बार फिर गरमा गया है| इसकी शिकायत राजभवन तक किए जाने के बाद राज्यपाल ने जांच के आदेश दे दिए हैं। राजभवन से सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव को नियमानुसार कार्यवाही के लिए चिट्टी लिखी है। भाजपा ने सिंधिया की सरकार बैठक में मौजूदगी पर सवाल उठाये थे|
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया शहर के विकास को लेकर एक्शन मोड में आ गए उसके बाद उन्होंने कलेक्टर सहित सरकारी अफसरों की बैठक लेना शुरू कर दी। दरअसल शिकायत से जुड़ा यह सारा विवाद ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपने जयविलास पैलेस में कलेक्टर, कमिश्नर, स्मार्ट सिटी के ऑफिसर्स की मीटिंग और उसके बाद कलेक्ट्रेट में शहर विकास को लेकर ली गई मीटिंग के बाद शुरू हुआ। जिसकी शिकायत हाईकोर्ट ग्वालियर के एडवोकेट अवधेश सिंह तोमर ने प्रदेश के राज्यपाल से की थी। जिसमें कहा गया था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया किसी भी संवैधानिक पद पर नहीं है। बावजूद इसके वह ग्वालियर जिले के कलेक्टर, कमिश्नर, स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को बुलाकर अपने महल में बैठक ले रहे हैं, जो कि गलत है और अवैधानिक है।
शिकायत में यह भी सवाल उठाए गए थे कि प्रशासन किस हैसियत से ज्योतिरादित्य सिंधिया से सरकारी मीटिंगों की अध्यक्षता करवा रहे हैं। शिकायत मिलने बाद राजभवन ने सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव को जांच के नियमानुसार कार्यवाही के लिए पत्र लिखा है।