बीजेपी के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने कहा ‘मोहन की मुरली बजती है तो सुदर्शन चक्र भी चलता है’

एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ के साथ खास बातचीत में बीजेपी नेता ने मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की प्रशंसा करते हुए उनके द्वारा चलाए जा रहे भ्रष्टाचार विरोधी अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा कि मोहन यादव विद्यार्थी जीवन से ही अच्छे संस्कारों और विचारों से युक्त रहे हैं। इसी के साथ उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का नारा "न खाऊंगा, न खाने दूंगा" मध्यप्रदेश में मूर्त रूप में दिख रहा है।

Shruty Kushwaha
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Raghunandan Sharm Exclusive Interview : पूर्व सांसद और बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ के ग्रुप एडिटर वीरेंद्र शर्मा से खास बातचीत में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे भ्रष्टाचार विरोधी अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा कि जबसे डॉ. मोहन यादव मुख्यमंत्री बने हैं, उनका पूरा ध्यान भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसने पर है और सरकार भ्रष्टाचारियों को जड़ से उखाड़ने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा सहयोग भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में है और वह किसी भी प्रभावशाली व्यक्ति को अपराधी की श्रेणी में रखने में संकोच नहीं कर रही। पूर्व सांसद ने कहा कि पीएम मोदी के ‘न खाऊंगा न खाने दूंगा’ नारे का मूर्त रूप मध्यप्रदेश में देखने को मिल रहा है।

MP Breaking News के साथ खास बातचीत, रघुनंदन शर्मा ने की मोहन सरकार की तारीफ

एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ के ग्रुप एडिटर वीरेंद्र शर्मा के साथ खास बातचीत में भाजपा के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ मोहन सरकार के एक्शन की तारीफ की। उन्होंने कहा कि ‘जबसे डॉ. मोहन यादव की सरकार बनी है..उनका ध्यान भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसने पर है। उन्हें खुला छोड़ने के वो पक्ष में नहीं हैं। इसलिए पिछले पूरे साल में कई भ्रष्ट और बेईमान लोगों को रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। जिनका प्रमाणित हो गया, उन्हें सीधे बर्खास्त किया है। छापे डाले जा रहे हैं। यदि सरकार बचाव के मूड में होती तो ये छापे सफल नहीं होते। सरकार का पूरा सहयोग है, पूरा ध्यान है बल्कि सरकार चाहती है कि भ्रष्टाचारियों को जड़ से उखाड़ दिया जाए और इसमें जो भी आएंगे, भले ही वो प्रभावशाली लोग हों, वो भी अपराधी की श्रेणी में ही लिए जाएंगे। मैं इसके लिए मोहन सरकार को बधाई देता हूं कि उन्होंने अच्छा अभियान छेड़ा है।’

कहा ‘मोहन की मुरली भी बजती है और चक्र भी चलता है’

रघुनंदन शर्मा ने मुख्यमंत्री की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मोहन यादव विद्यार्थी जीवन से ही अच्छे विचारों और अच्छे संस्कारों से युक्त रहे हैं। उन्होंने बीते दिनों की स्मृति ताजा करते हुए बताया कि ‘मैंने उनके राजनीतिक जीवन के प्रारंभ से ही उनको आगे बढ़ाने में हरसंभव सहयोग दिया है और चाहा कि ऐसे व्यक्ति राजनीति में आएं और आगे बढ़ें। मैं उज्जैन में 2000 से लेकर 2006 तक उज्जैन संभाग का प्रभारी रहा। इस बीच मेरी काफी निकटता डॉ मोहन यादव से हुई है। वे उच्च शिक्षा मंत्री बने तब भी उनका साफ सुथरा कार्यकाल रहा। और किसी भी लागलपेट में वो नहीं आए, बल्कि शिक्षा माफिया के दरवाजे उस समय भी बंद हो गए थे। ऐसे लोगों को कहीं पनाह नहीं मिली। और जब मोहन यादव मुख्यमंत्री बन गए तो उनका हौसला और बढ़ गया है और भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में काफी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं मानों उनका सुदर्शन चक्र ही इन अपराधियों के खिलाफ चलना प्रारंभ हो गया है। जहां तक संस्कृति और संस्कारों की बात है तो शिक्षा के क्षेत्र में या सनातन संस्कृति की बात आती है तो मोहन की मुरली बजती है, और जब कभी अपराधियों का मामला सामने आता है तो ऐसा लगता है उनका सुदर्शन चक्र चल रहा हो।’

सरकारी मशीनरी में व्याप्त भ्रष्टाचार पर चिंता जताई

बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ के साथ इस बातचीत में कहा कि ‘प्रधानमंत्री जी भी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री जी भी लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाए हुए हैं। ‘न खाऊंगा न खाने दूंगा’ इस मोदी जी के नारे का मूर्त रूप मध्यप्रदेश में दिख रहा है। लेकिन पिछले पिचहत्तर वर्षों में सरकारी मशीनरी में जिस तेजी से भ्रष्टाचार बढ़ा वो चिंतनीय है। अधिकारी इतने बेखौफ हो गए है कि उनको पता है कि कार्रवाई होगी, इसके बाद भी भ्रष्टाचार करना बंद नहीं हो रहा है। अभी सौरभ शर्मा का जो मामला सामने आया है वो जांच के दायरे में है। इसमें कई राज खुलने वाले हैं। निश्चित रूप से इसमें कई लोगों के चेहरे सामने आएंगे। प्रश्न ये है कि एजेंसिया कितनी सफल होती हैं।’


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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