Congress reaction on Rahul Gandhi’s disqualification : राहुल गांधी की लोकसभा की संसद सदस्यता रद्द करने के बाद कांग्रेस पार्टी और नेताओं ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। कांग्रेस ने कहा कि हम कानूनी और राजनैतिक लड़ाई लड़ेंगे..हमें कानून पर पूरा भरोसा है। कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार ने निडर लोगों के बोलने की स्वतंत्रता और बोलने के बाद की स्वतंत्रता पर हमला किया है। वरिष्ठ नेता और कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ‘राहुल गांधी ने निडरता से अपने विचार रखे हैं..जनहित में रखे हैं। आज वो सवाल पूछने की कीमत चुका रहे हैं।’ उन्होने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस की आवाज को दबाना इतना आसान नहीं है। वहीं जयराम रमेश ने कहा कि बीजेपी कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से डरी हुई है और आज लिया गया निर्णय उसी डर का परिणाम है। उन्होने कहा कि ये सिर्फ कानूनी मुद्दा नहीं है, ये राजनीतिक मुद्दा है। ये प्रतिशोध, धमकी और उत्पीड़न की राजनीति की एक मिसाल है। उन्होने राहुल गांधी की बात दोहराते हुए कहा कि ‘जो खुद डरते हैं वो दूसरों को डराते हैं।’
कांग्रेस ने कहा ‘लड़ाई जारी है’
इससे पहले कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए कहा कि ‘राहुल गांधी जी की लोकसभा सदस्यता ख़त्म कर दी गई। वह आपके और इस देश के लिए लगातार सड़क से संसद तक लड़ रहे हैं, लोकतंत्र को बचाने की हर सम्भव कोशिश कर रहे हैं। हर षड्यंत्र के बावजूद वह यह लड़ाई हर क़ीमत पर जारी रखेंगे और इस मामले में न्यायसंगत कार्यवाही करेंगे। लड़ाई जारी है।’ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ‘सच बोलने वालों को, लोकतंत्र के उसूलों के अनुसार और संविधान के तहत और उसकी रक्षा के लिए लड़ने वालों का मुंह बंद करने के लिए सदन से बाहर किया गया है।’ वहीं प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया कि ‘जिन लोगों ने देश का पैसा लूटा, भाजपा उनके बचाव में क्यों उतरी है? जांच से क्यों भाग रही है? जो लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं उन पर मुकदमे लादे जाते हैं। क्या भाजपा भ्रष्टाचारियों का समर्थन करती है?’
कमलनाथ ने कहा ‘पीड़ा का दिन’
मध्य प्रदेश में भी इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया आ रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि आज का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए दुख और पीड़ा का दिन है। ट्वीट करते हुए उन्होने कहा कि ‘श्री नरेंद्र मोदी सरकार ने कांग्रेस के सम्मानित नेता श्री राहुल गांधी के खिलाफ षड्यंत्र करने में सारी हदें पार कर दी हैं। जिस तरह से उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द की गई है, उससे स्पष्ट है कि मोदी सरकार श्री राहुल गांधी से भयभीत है। सरकार उनके उठाए सवालों का जवाब देने के बजाय उन्हें लोकसभा से दूर करने का रास्ता तलाश रही थी। आज का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए अत्यंत दुख और पीड़ा का दिन है।’
वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने इसे तानाशाहीपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि ‘श्री राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म करना तानाशाहीपूर्ण कदम है।इतिहास गवाह है यही तरीका श्रीमती इन्दिरा गांधी के खिलाफ भी अपनाया गया था और बाद में श्रीमती गांधी सत्ता में आयीं। श्री राहुल गांधी के साथ हम सब मिलकर क़ानूनन व राजनीतिक लड़ाई लड़ेंगे।’ अरूण यादव ने कहा कि ‘सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं। हम इनसे लड़ेंगें और जीतेंगे। आज का दिन देश में काला दिवस के नाम से जाना जाएगा सदन व देश में सच बोलने की आज़ादी तक नहीं है। कांग्रेस पार्टी पूरी ताक़त से राहुल गांधी के साथ खड़ी है।’ विक्रांत भूरिया ने ट्वीट करत हुए इसे ‘इतिहास का काला दिन’ कहा है।
It's a vital political issue for all political parties.
It signifies the strangulation of democracy itself.
: @DrAMSinghvi Ji pic.twitter.com/bis6LpIQTs
— Congress (@INCIndia) March 24, 2023
राहुल जी को डिसक्वालीफाई करने के लिए यह सारे प्रयास किए गए हैं।
सच बोलने और लोकतंत्र के उसूलों के अनुसार जनता के हक के लिए लड़ने वालों का मुंह बंद करने के लिए ही राहुल जी की संसद से सदस्यता रद्द की गई है।
: कांग्रेस अध्यक्ष श्री @khargepic.twitter.com/yxbR5fRPJa
— Congress (@INCIndia) March 24, 2023
नीरव मोदी घोटाला- 14,000 Cr
ललित मोदी घोटाला- 425 Cr
मेहुल चोकसी घोटाला- 13,500 Crजिन लोगों ने देश का पैसा लूटा, भाजपा उनके बचाव में क्यों उतरी है? जांच से क्यों भाग रही है?
जो लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं उन पर मुकदमे लादे जाते हैं।क्या भाजपा भ्रष्टाचारियों का समर्थन करती है?
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 24, 2023
सरकार उनके उठाए सवालों का जवाब देने के बजाय उन्हें लोकसभा से दूर करने का रास्ता तलाश रही थी।
आज का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए अत्यंत दुख और पीड़ा का दिन है।— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) March 24, 2023
श्री राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म करना तानाशाहीपूर्ण कदम है।इतिहास गवाह है यही तरीका श्रीमती इन्दिरा गांधी के खिलाफ भी अपनाया गया था और बाद में श्रीमती गांधी सत्ता में आयीं।श्री राहुल गांधी के साथ हम सब मिलकर क़ानूनन व राजनीतिक लड़ाई लड़ेंगे।@INCIndia @INCMP @IYCMadhya
— Suresh Pachouri (modi ka parivar) (@pachouri_office) March 24, 2023