श्री गणेश भगवान – प्रथम पूज्य गणपति..हिंदू धर्म में किसी भी अच्छे कार्य का शुभारंभ श्रीगणेश का नाम लेकर होता है। इसी तरह रक्षाबंधन पर भी भगवान गणेश को लाल रंग की राखी बांधनी चाहिए। लाल रंग श्रीगणेश को अतिप्रिय है और मान्यता है कि इससे वे प्रसन्न होते हैं, जीवन के सभी कष्ट हरते हैं और ऋद्धि सिद्धि की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार गणपति जी की बहनें अशोक सुंदरी, मनसा देवी और ज्योति देवी हैं।
श्री शिव शंकर भोलेनाथ – राखी का त्योहार सावन की पूर्णिमा को मनाया जाता है और ये महीना भगवान शिव को समर्पित है। पूर्णिमा इस माह का अंतिम दिन है और नीलकंठ को नीले रंग की राखी बांधने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख संपन्नता आती है। मान्यतानुसार भगवान शिव की बहन असावरी देवी हैं।
श्री विष्णु भगवान – विष्णु भगवान को पीला रंग अतिप्रिय है। इसीलिए उन्हें पीले रंग की राखी बांधिये। हल्दी का तिलक लगाकर विष्णु भगवान को पीले रंग की राखी बांधने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।
श्री कृष्ण कन्हैया – पौराणिक मान्यतानुसार द्रोपदी ने श्रीकृष्ण को रक्षासूत्र बांधा था और तभी से रक्षाबंधन के पर्व प्रारंभ हुआ। भादौ में कृष्ण कन्हैया का जन्म हुआ था इसलिए सावन में उनकी पूजा का विशेष महत्व है। ब्रजधाम में एक माह पहले से ही उनके जन्मोत्सव की धूमधाम शुरू हो जाती है। लड्डू गोपाल को हरे रंग की राखी बांधने से वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं और जीवन धन धान्य से भरा रहता है।
श्री हनुमान भगवान – संंकटमोचन श्री हनुमान को लाल और सिंदूरी रंग प्रिय है इसलिए उन्हें लाल या सिंदूरी रंग की राखी बांधनी चाहिए। मान्यता है कि इससे मंगल ग्रह शांत होता है और बल बुद्धि की प्राप्ति होती है।
श्री नागदेवता – रक्षाबंधन पर नागदेवता को भी राखी अर्पित करने की परंपरा है। मनसादेवी के भाई वासुकि सहित सभी नागों की नागपंचमी पर पूजा होती है, इसी के साथ राखी पर भी उनकी पूजा कर राखी अर्पित की जाती है।
कुलदेवी-कुलदेवता – इसी के साथ सभी को अपने अपने कुलदेवी, कुलदेवता या अपने इष्टदेव का भी स्मरण कर उन्हें राखी समर्पित करना चाहिए। इस तरह देवी-देवताओं को राखी बांधने से जीवन में सुख, समृद्धि और संपन्नता आती है।