MP Breaking News
Wed, Dec 17, 2025

देशभर में उल्लास के साथ मनाया जा रहा है रक्षाबंधन, सीएम डॉ. मोहन यादव ने दी शुभकामनाएं, जानिए इस पर्व से जुड़ी पौराणिक कहानियां

Written by:Shruty Kushwaha
Published:
Last Updated:
रक्षाबंधन का त्योहार रिश्तों को मजबूत करने का वह पावन दिन है जब राखी का नाजुक सा धागा भाई-बहन के बीच अटूट विश्वास, स्नेह और जिम्मेदारी की डोर में बदल जाता है। बहन की प्रार्थना में भाई की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना छुपी होती है तो भाई की मुस्कान में बहन के सम्मान और सुरक्षा का वचन झलकता है। समय के साथ यह पर्व सिर्फ भाई बहन तक सीमित नहीं रह गया है बल्कि मित्रों, गुरुओं और हर उस रिश्ते में मनाया जाने लगा है..जहां प्रेम और संरक्षण का भाव मौजूद है।
देशभर में उल्लास के साथ मनाया जा रहा है रक्षाबंधन, सीएम डॉ. मोहन यादव ने दी शुभकामनाएं, जानिए इस पर्व से जुड़ी पौराणिक कहानियां

आज देशभर में रक्षाबंधन श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। भाई-बहन के बीच प्रेम, विश्वास और रक्षा के बंधन को समर्पित यह पर्व हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी (रक्षा सूत्र) बांधती हैं और भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। भाई अपनी बहन की रक्षा करने और उसका हर परिस्थिति में साथ देने का वचन देते हैं।

आज के दिन सीएम डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा है कि ‘भाई- बहन के अटूट प्रेम और विश्वास के पावन पर्व रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। बहनों के मान-सम्मान की रक्षा एवं भाइयों के सुदीर्घ जीवन की मंगलकामना का यह पर्व समाज में विश्वास और आत्मीयता को सशक्त बनाए; यही मंगलकामना है।’

उत्साह और उल्लास से मनाया जा रहा है रक्षाबंधन पर्व

रक्षाबंधन भाई-बहन के बीच अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। राखी का धागा सिर्फ एक सूत्र नहीं, बल्कि एक-दूसरे के प्रति कर्तव्य और स्नेह का बंधन है। यह पर्व सामाजिक मूल्यों को मजबूत करता है जहां परिवार और रिश्तों को सर्वोपरि माना जाता है। समय के साथ यह त्योहार सिर्फ भाई-बहन तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि इसे दोस्तों और अन्य करीबी रिश्तों में भी मनाया जाता है। यह सामाजिक सद्भाव और एकता को बढ़ावा देता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, राखी बांधने से भाई की आयु और समृद्धि में वृद्धि होती है। रक्षाबंधन के साथ कई पौराणिक और धार्मिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। आइए ऐसी ही कुछ कथाएं जानते हैं।

रक्षाबंधन से जुड़ी पौराणिक और धार्मिक कहानियां

1. द्रौपदी और भगवान श्रीकृष्ण : महाभारत से जुड़ी यह सबसे प्रसिद्ध कहानी है। एक बार जब भगवान श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र का उपयोग किया तो उनकी उंगली में चोट लग गई और खून बहने लगा। तब द्रौपदी ने तुरंत अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर उनकी उंगली पर बांध दिया। उस समय श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को वचन दिया कि वे हमेशा उनकी रक्षा करेंगे।

2. राजा बलि और माता लक्ष्मी : पुराणों के अनुसार, जब भगवान विष्णु ने वामन अवतार में राजा बलि से तीन पग भूमि मांगी और उनके सारे साम्राज्य को नाप लिया। इसके बाद बलि को पाताल लोक का राजा बनाया गया। भगवान विष्णु बलि के द्वारपाल बनकर पाताल लोक में रहने लगे। माता लक्ष्मी ने विष्णु को वापस लाने के लिए एक उपाय किया। उन्होंने एक गरीब महिला का रूप धारण कर राजा बलि को राखी बांधी और उन्हें अपना भाई बनाया। बदले में, बलि ने उनसे वरदान मांगने को कहा। लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को अपने साथ वैकुंठ ले जाने की इच्छा जताई और बलि ने उन्हें यह वरदान दे दिया।

3. यम और यमुना : एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, यमराज और उनकी बहन यमुना के बीच गहरा प्रेम था। यमुना ने अपने भाई यम को राखी बांधी और उनके दीर्घायु होने की कामना की। यमराज इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने यमुना को अमरता का वरदान दिया। साथ ही, उन्होंने घोषणा की कि जो भाई अपनी बहन से राखी बंधवाएगा और उसकी रक्षा का वचन देगा, उसे लंबी आयु और सुख प्राप्त होगा।

4. देवताओं और असुरों के बीच युद्ध : एक अन्य कथा के अनुसार, जब देवराज इंद्र असुरों से युद्ध में कमजोर पड़ रहे थे, तब उनकी पत्नी इंद्राणी ने एक रक्षा सूत्र तैयार किया और इंद्र की कलाई पर बांधा। इस सूत्र के प्रभाव से इंद्र ने युद्ध में विजय प्राप्त की। यह कथा रक्षाबंधन के रक्षा के प्रतीक को दर्शाती है जो न सिर्फ भाई-बहन तक सीमित है, बल्कि किसी भी प्रियजन की सुरक्षा से जुड़ा है।