Cabinet Meeting : यहां विस्तार से पढ़िए शिवराज कैबिनेट बैठक के अहम फैसले

Pooja Khodani
Published on -
cabinet meeting

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता में मंगलवार 9 नवंबर 2021 को कैबिनेट बैठक (Shivraj Cabinet Meeting 2021) सम्पन्न हुई, जिसके एक दर्जन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में जिला खण्डवा में नवीन तहसील किल्लौद, जिला टीकमगढ़ में नवीन तहसील दिगौड़ा, जिला खण्डवा में नवीन तहसील मूंदी और जिला बुरहानपुर में नवीन तहसील धूलकोट के गठन का अनुसमर्थन किया गया।

राष्ट्रीय बाल आयोग ने हमीदिया अग्निकांड मामले में लिया संज्ञान, मुख्य सचिव को दिए निर्देश

इसके अलावा 11 नवीन शासकीय महाविद्यालय (College) प्रारंभ करने की स्वीकृति, मेडिकल कॉलेज के लिए भूमि आवंटन, पंजीकृत पवन ऊर्जा परियोजनाओं एवं नवीन परियोजनाओं के लिए निविदा आमंत्रण, भोपाल स्थित क्षय चिकित्सालय का उन्नयन रीजनल इंस्टीट्यूट फॉर रेस्पिरेटरी डिसीज का फैसला लिया गया।

यहां विस्तार से पढ़िए शिवराज कैबिनेट के फैसले

  • नीमच नगर में नगर पालिका स्वामित्व के महू नसीराबाद रोड पर कनावटी के समीप खेत न. 6, 6ए, 6बी, 29, 40, 44, 24, 30, की रिक्त 97452 वर्ग मीटर भूमि बिना प्रीमियम तथा वार्षिक भू-भाटक एक रूपये लेकर दी गई शर्तों के अधीन एवं उक्त भूमि के उपयोग को आवासीय से “सार्वजनिक एवं अर्द्ध-सार्वजनिक” में उपांतरित किये जाने की शर्त पर चिकित्सा शिक्षा विभाग को मेडिकल कॉलेज स्थापना के लिए आवंटित किये जाने की अनुमति प्रदान की गई।
  • प्रदेश में 11 नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करने का अनुमोदन किया गया। इनमें शासकीय महाविद्यालय उदयनगरजिला देवास, शा. महा विद्यालय रैगांवजिला सतना, शासकीय महाविद्यालय घुवाराजिला छतरपुर, शासकीय महाविद्यालय पिछोर जिला ग्वालियर, शासकीय महाविद्यालय जैसीनगरजिला सागर, शासकीय महाविद्यालय गोरमीजिला भिण्ड, शासकीय महाविद्यालय रजौधाजिला मुरैना, शासकीय महाविद्यालय अनूपपुरजिला अनूपपुर, शासकीय महाविद्यालय दिमनीजिला मुरैना, शासकीय महाविद्यालय रिठौराकलॉजिला मुरैना औरशासकीय महाविद्यालय दिनाराजिला मुरैना सम्मिलित है।
  • पूर्व से संचालित पाँच शासकीय महाविद्यालय में नवीन विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय प्रारंभ करने और एक शासकीय महाविद्यालय में स्नातकोत्तर स्तर पर तीन नवीन विषय प्रारंभ करने के लिए 233 शैक्षणिक एवं 228 अशैक्षणिक, इस प्रकार कुल 461 पद सृजन करने की स्वीकृति दी गयी। इसके लिए आवर्ती व्यय भार 24 करोड़ 60 लाख रूपये प्रतिवर्ष एवं अनावर्ती व्यय 5 करोड़ 45 लाख रूपये की स्वीकृति दी गयी।
  • म.प्र. विश्वविद्यालय ( संशोधन) अध्यादेश अनुसार “छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय, छिंदवाडा” का नाम “राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा” किया जाने के प्रस्ताव को मंत्रि-परिषद द्वारा मान्य किया गया। अध्यादेश को आगामी विधानसभा-सत्र में विधेयक के रूप में पारित कराने के लिए उच्च शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया है।
  • भोपाल स्थित क्षय चिकित्सालय का उन्नयन रीजनल इंस्टीट्यूट फॉर रेस्पिरेटरी डिसीज में किये जाने के लिये नवीन पदों के सृजन के लिए क्षय चिकित्सालय में पूर्व से स्वीकृत 227 पदों में से 113 पदों को समर्पित करते हुए रीजनल इंस्टीट्यूट फॉर रेस्पिरेटरी डिसीज , भोपाल के लिये आवश्यक 252 पदों की पूर्ति के लिए 138 नवीन पदों के साथ कम्प्यूटर ऑपरेटर्स के 9 पद कलेक्टर दर पर सृजन किये जाने एवं साफ-सफाई एवं सुरक्षा की व्यवस्था गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल के लिये स्वीकृत एवं अनुबंधित एजेन्सी से कराये जाने की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई।
  • क्षय चिकित्सालय, भोपाल को चिकित्सा शिक्षा विभाग को अंतरित किये जाने पर चिकित्सा सुविधाएँ एवं शिक्षण कार्य एन.एम.सी. के मापदण्डों के अनुरूप प्रारम्भ करने, TB की बीमारी के साथ साँस एवं फेफड़े से संबंधित बीमारी, फेफड़े के कैंसर की उच्च स्तरीय जाँच एवं सर्जरी तथा रेस्पिरेटरी, ICU एवं थोरेन्सिक सर्जरी जैसी विधाओं की स्थापना किये जाने के उद्देश्य से चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा क्षय चिकित्सालय का उन्नयन रीजनल इंस्टीट्यूट फॉर रेस्पिरेटरी डिसीज के रूप में किये जाने का निर्णय लिया गया है।
  • रीजनल इंस्टीट्यूट के लिये नवीन पद निर्माण किये जाने से चिकित्सा महाविद्यालय में वर्तमान में उपलब्ध पी.जी. पाठ्यक्रम की 3 सीटों से 12 से 15 सीटों में वृद्धि की जा सकेगी। साथ ही सर्जरी विभाग के भी पद निर्मित होने से 3 से 4 पी.जी. सीटों की वृद्धि होगी। पी.जी. पाठ्यक्रम की अतिरिक्त सीट प्राप्त होने से भविष्य में इस बीमारी के इलाज से संबंधित अधिक संख्या में चिकित्सक उपलब्ध हो सकेंगें।
  •  प्रदेश में पंजीकृत पवन ऊर्जा परियोजनाओं एवं नवीन परियोजनाओं के विकास के लिये निर्णय लिया है कि वर्तमान में 750 मेगावाट क्षमता की विंड-सोलर हायब्रिड (विंड/सोलर ऊर्जा का 33% न्यूनतम आवश्यक घटक) परियोजनाओं की स्थापना के लिए रु. 2.78 प्रति यूनिट सीलिंग टैरिफ रखते हुए, बिड आमंत्रित की जाएगी। भविष्य में नवीन एवम नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा आवश्यकतानुसार RPO की आपूर्ति के लिए पवन ऊर्जा परियोजनाओं अथवा पवन एवं सौर ऊर्जा हायब्रिड परियोजनाओं के लिए बिड आमंत्रित की जाएगी।
  • बिड प्रोसेस मैनेजमेंट की कार्यवाही विभाग की संस्था “रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड” (RUMSL) द्वारा संपादित की जाएगी। बिड में न्यूनतम क्रय दर प्रस्तुत करने वाले विकासक का चयन परियोजना विकास के लिये किया जायेगा। राज्य की संस्था द्वारा पवन ऊर्जा से उत्पादित विद्युत का क्रय म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित नवकरणीय ऊर्जा क्रय आबंधन (आर पी ओ) के अनुसार किया जाता है।
  • वित्तीय वर्ष 2025 तक राज्य को आरपीओ की पूर्ति के लिए लगभग 5000 मेगावाट क्षमता की आवश्यकता के दृष्टिगत 1500 मेगावाट अतिरिक्त क्षमता की आवश्यकता होगी। इसके लिए प्रदेश में पवन ऊर्जा परियोजनाओं के विकास की महती आवश्यकता है।
  • प्रदेश पवन ऊर्जा के क्षेत्र में देश में प्रगतिशील राज्यों में शामिल है। राज्य में वर्ष 2012 में स्थापित कुल क्षमता 314 मेगावाट से बढ़कर अद्यतन 2444.15 मेगावाट हो गई है। इस प्रकार वर्ष 2012 से अद्यतन लगभग 8 गुना वृद्धि अर्जित की गयी है।

About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News