RERA चेयरमैन पर कार्रवाई के बाद रेरा सचिव ने डीजी EOW को लिखा पत्र, कार्रवाई को असंवैधानिक बताया

मध्य प्रदेश रेरा चेयरमैन एपी श्रीवास्तव के खिलाफ EOW में शिकायत दर्ज की गई थी। शिकायतर्ता ने उनपर भर्तियों में अनियमितता सहित रेरा अधिनियम दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है। इसके बाद ईओडब्ल्यू ने चेयरमैन के ख़िलाफ़ PE दर्ज की है।

RERA Secretary Letter to EOW DG : रेरा के सचिव ने डीजी EOW को पत्र लिखा है। इसमें ईओडब्ल्यू द्वारा की गई कार्रवाई को असंवैधानिक बताया है। बता दें कि बुधवार को EOW ने कल की थी रेरा चेयरमैन पर प्राथमिक जाँच दर्ज की थी। ये कार्रवाई भर्तियों में अनियमितता सहित रेरा अधिनियम दुरुपयोग करने के आरोप में की गई थी।

बता दें कि मध्य प्रदेश रेरा चेयरमैन एपी श्रीवास्तव के खिलाफ EOW में शिकायत दर्ज की गई थी। यह शिकायत प्रभाष जेटली नामक व्यक्ति द्वारा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से की गई थी। मुख्यमंत्री को लिखी शिकायत में शिकायतकर्ता ने साफ तौर पर यह आरोप लगाया था कि अजीत प्रकाश श्रीवास्तव द्वारा कैसे रियल एस्टेट बिल्डर्स पर दबाव बनाया जा रहा था। इसी के साथ श्रीवास्तव के खिलाफ सीधी भर्ती करने का आरोप भी लगाया गया। इसके बाद EOW ने रेरा चेयरमैन पर मामला दर्ज किया था।

रेरा के सचिव द्वारा डीजी EOW को लिखा गया पत्र

लेकिन अब इस मामले में रेरा के सचिव ने डीजी EOW को पत्र लिखा है और उनके द्वारा की गई कार्रवाई को असंवैधानिक बताया है। इस पत्र में लिखा गया है कि ‘संबंधित समाचार के संबंध में आपका ध्यान इस तथ्य की ओर आकर्षित किया जा रहा है कि मे०एजी-8 वेंचर्स प्रा०लि० द्वारा आकृति अक्वा सिटी परियोजना के पंजीयन का प्रतिसंहरण करने के प्राधिकरण के आदेश दिनांक 28 जनवरी, 2022 के संबंध में मान० मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका/विविध अपील दायर की गई थी, जिसे मान०उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 11 मई, 2022 को प्रारंभिक स्तर पर ही निरस्त किया गया था। मान० उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 11 मई, 2022 की कंडिकाएँ विचारणीय हैं. सुलभ संदर्भ हेतु मान० उच्च न्यायालय का आदेश दिनांक 11 मई, 2022 की प्रति परिशिष्ट-1 के रूप में संलग्न है।’

‘2 मे०एजी 8 वेंचर्स प्रा०लि० की अन्य 10 परियोजनाओं के संबंध में प्राधिकरण द्वारा पारित प्रतिबंधात्मक आदेशों के विरुद्ध मे०एजी 8 वेंचर्स प्रा०लि० ने मान० मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में 10 याचिकाऐं दायर की गई थीं, जिनका निराकरण मान० उच्च न्यायालय द्वारा अपने आदेश दिनांक 29 मार्च, 2022 को करते हुए उन्हें प्रारंभिक स्तर पर ही निरस्त किया गया था। मान० उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 29 मार्च, 2022 की कंडिकाएँ विधारणीय हैं, सुलभ संदर्भ हेतु मान० उच्च न्यायालय का आदेश दिनांक 29 मार्च, 2022 की प्रति परिशिष्ट-2 के रूप में संलग्न है।’

‘3 प्राधिकरण में राज्य शासन के अधिकारियों व कर्मचारियों की सेवाएँ प्रतिनियुक्ति पर प्राप्त करने के संबंध में रेरा अधिनियम की धारा 28 में प्रावधान किए गए हैं। प्राधिकरण में पदस्थ होने वाले न्याय निर्णायक अधिकारियों की नियुक्ति संबंधी प्रावधान रेरा अधिनियम की धारा-71 में किए गए हैं, जिससे स्पष्ट है कि प्राधिकरण में न्याय निर्णायक अधिकारियों की नियुक्ति प्राधिकरण द्वारा ही की जाएगी और नियुक्ति प्रक्रिया में केवल राज्य शासन का परामर्श प्राप्त किया जाएगा। प्राधिकरण में अन्य सभी प्रकार की नियुक्तियों का अधिकार रेरा अधिनियम के उपबंधों के अनुसार प्राधिकरण में वेष्ठित है तथा इन विषयों पर अध्यक्ष द्वारा व्यक्तिगत हैसियत से किए जा सकने वाले / लिये जाने वाले निर्णयों के संबंध में उपबंध रेरा अधिनियम की धारा-25, सहपठित नियम-21 में किए गए हैं। प्राधिकरण में प्रतिनियुक्ति / संविदा पर पदस्थ किए जाने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों की सेवा शर्तों का निर्धारण रेरा अधिनियिम की धारा-28 (2). सहपठित नियम 22 (1) के उपबंध अनुसार किया जाना अपेक्षित है। प्राधिकरण में सलाहकार की सेवाएँ प्राप्त किए जाने के संबंध में उपबंध नियम-22(2) में है।’

‘4 रेरा अधिनियम की धारा-90 के उपबंध अनुसार प्राधिकरण में नियुक्त अध्यक्ष, सदस्य एवं अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कोई वाद, अभियोजन या अन्य विधिक कार्यवाही नहीं हो सकती है।’

भोपाल से जितेंद्र यादव की रिपोर्ट

RERA चेयरमैन पर कार्रवाई के बाद रेरा सचिव ने डीजी EOW को लिखा पत्र, कार्रवाई को असंवैधानिक बताया


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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