दिग्विजय के खिलाफ भाजपा की टिकट पर साध्वी लड़ सकती है चुनाव

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भोपाल। भाजपा में भोपाल सीट को लेकर बढ़ते जा रहे सस्पेंस के बीच अब साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का नाम तेजी से सामने आया है।खबर है कि बीजेपी दिग्विजय के खिलाफ साध्वी को चुनाव लड़ा सकती है। सियासी गलियाओं में इसकी अटकलें जोरों पर है। वहीं साध्वी ठाकुर भी कह चुकी हैं कि वो चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उमा भारती, नरेंद्र तोमर समेत आधा दर्जन से अधिक नेताओं के नाम भोपाल के लिए चर्चा में आ चुके हैं। 

दरअसल, भोपाल संसदीय सीट से कांग्रेस ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को मैदान में उतारा है। जिसके चलते इस सीट पर भाजपा में दमदार चेहरे की तलाश है|। कई बड़े दिग्गजों के नामों पर चर्चा के बाद अब सियासी गलियारों में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का नाम सुर्ख़ियों में आ गया है। इस बात की अटकलें तेज हो गई है कि बीजेपी दिग्विजय के खिलाफ कट्टर हिन्दुवादी चेहरा साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को चुनाव लड़ा सकती है।  संभावना जताई जा रही है कि आज शाम तक बीजेपी मप्र के बाकी सीटों को लेकर एक और लिस्ट जारी कर सकती है। जिसमे भोपाल का फैसला भी हो सकता है।

उमा भारती के लोकसभा चुनाव लड़ने से मना करने के बाद राजनीतिक गलियारों में प्रज्ञा ठाकुर की चर्चा जोरों पर थी। खुद प्रज्ञा ने भी दिग्विजय के खिलाफ चुनाव लड़ने की बात कही थी। टिकट को लेकर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा है कि बीजेपी मुझे टिकट देती है तो दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने तैयार हैं। ये चुनाव धर्म और अधर्म के बीच होगा, भगवा को आतंकी कहने वाले दिग्विजय का कोई साथ नहीं देगा। वहीं बाहरी के सवाल पर उन्होंने कहा वे भोपाल के लिए बाहरी नहीं, 16 साल भोपाल में रहीं हैं और दिग्विजय के षड्यंत्र के कारण जेल भी गईं।

जिस तरह दिग्विजय सिंह को भाजपा हिन्दुविरोधी होने के आरोप लगाती है, ऐसी स्तिथि में पार्टी प्रज्ञा ठाकुर को उम्मीदवार घोषित करती है तो वोटों का ध्रुवीकरण होना तय है। करीब 18 लाख मतदाताओं वाली भोपाल संसदीय सीट पर करीब 4.5 लाख मुस्लिम मतदाता हैं। यदि ऐसा होता है तो भाजपा इस सीट पर वोटों का ध्रुवीकरण करेगी ताकि दिग्विजय जैसे मजबूत उम्मीदवार को हराया जा सके। वर्ष 1989 से भोपाल लोकसभा सीट भाजपा का गढ़ रही है।  यहां कांग्रेस के हर प्रयोग फेल रहे हैं, इस बार दिग्विजय को कांग्रेस ने उतारा है।

16 साल बाद चुनाव लड़ रहे दिग्विजय 

1993 से 2003 तक लगातार 10 सालों तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह 2003 के बाद से अबतक किसी भी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में नहीं लड़े हैं। तब मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद दिग्विजय ने ऐलान किया था कि वह अगले एक दशक तक न तो चुनाव लड़ेंगे और न ही राज्य की राजनीति में कोई दखल देंगे। सूबे की सियासत से उनका 10 साल का स्वनिर्वासन 2013 में खत्म हुआ और वह 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। हालांकि, उसी साल यानी 2014 में कांग्रेस ने दिग्विजय को राज्यसभा में भेज दिया। 

कौन है साध्वी प्रज्ञा

साध्वी प्रज्ञा, मध्य प्रदेश के एक मिडिल क्लास परिवार से हैं। वर्तमान में प्रज्ञा ठाकुर भोपाव के रुवेर टाउन स्थित अपने मकान में रहती है। शुरुआत में वह संघ और विहिप से जुड़ गईं, जिसके बाद उन्होंने सन्यास ले लिया। 23 अक्टूबर 2008 में हुए मालेगांव बम ब्लास्ट में उन्हें शक के आधार पर गिरफ्तार किया गया। 25 अप्रैल 2017 में सबूत न होने के कारण उन्हें जमानत दे दी गई। हाल ही में उन्हें इस मामले में दोषमुक्त करार दे दिया गया। वह आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी की सक्रिय सदस्य भी रह चुकी हैं। इसके बाद उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद छोड़ दिया और वह साध्वी बन गई। गांव-गांव जाकर हिन्दुत्व का प्रचार करने लगी। उन्होंने अपनी कार्यस्थली सूरत को बनाया और वहीं पर एक आश्रम भी बनवाया। हिन्दुत्व के प्रचार के कारण वह बीजेपी के नेताओं को प्रभावित करने लगी और राजनीति में उनका वर्चस्व बढ़ता गया।साध्वी प्रज्ञा ठाकुर अब आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी पूर्णचेतनानंद गिरी के नाम से जानी जाती हैं।

भोपाल में 16 को नॉमिनेशन

बता दें कि भोपाल लोकसभा सीट पर 12 मई को चुनाव होना है। इसके लिए 16 अप्रैल को नॉमिनेशन भरा जाएगा। 23 अप्रैल को नामांकन की अंतिम तारीख है। 24 अप्रैल को स्क्रूटनी होगी। 12 मई को होने वाले चुनाव में मध्य प्रदेश की 8 सीटों पर मतदान होगा।


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