इंंदौर/आकाश धोलपुरे
भले ही प्री-मानसून की बूंदे बरस रही हो लेकिन प्रदेश की सियासत गरमा गई है। दरअसल, कांग्रेस (congress) एक एक सीट की महत्ता को समझ रही है और पूर्व सीएम कमलनाथ (kamalnath) वापसी करना चाहते हैं, लिहाजा मध्यप्रदेश में उपचुनाव (by election) के एपिसेंटर साबित हो रहे सांवेर (sanwer) को लेकर सियासत गरमा गई है क्योंकि यहां सिंधिया समर्थक मंत्री तुलसी सिलावट (tulsi silawat) का बीजेपी (bjp) की ओर से लड़ना तय माना जा रहा है। लेकिन कांग्रेस की राह आसान नही है क्योंकि पूर्व सीएम कमलनाथ ने मंगलवार को भोपाल (bhopal) में ये साफ कर दिया है कि सर्वे के आधार पर टिकिट वितरण (ticket distribution) होगा।
इधर, एपिसेंटर बने सांवेर में कांग्रेस की दिक्कत बढ़ गई है क्योंकि प्रेमचंद गुड्डू (premchand guddu) की घर वापसी हो गई है लेकिन यहां वाल्मीकि समाज की ओर PCC महासचिव ने ऐसी ताल ठोंकी है कि प्रेमचंद गुड्डू के राजनीतिक समीकरण बिगड़ गए हैं। दरअसल, सांवेर विधानसभा में बीजेपी पूरी ताकत झोंकेंगी क्योंकि यहां सिंधिया समर्थक मंत्री को जिताना है। लेकिन तुलसी के सामने कांग्रेस से कौन होगा ये अभी भी बड़ा सवाल है। मंगलवार को कमलनाथ से मिलने के लिए इंदौर से एक प्रतिनिधिमंडल भोपाल पहुंचा। जहां प्रदेश कांग्रेस के महासचिव मुकेश झांझोट (पंछी) (mukesh jhanjhor panchi) की दावेदारी को लेकर कमलनाथ से चर्चा की गई। इस चर्चा के दौरान दिग्गी समर्थक और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव समर्थक एकजुट नजर आये। जानकारी के मुताबिक चौंकाने वाली बात ये रही कि पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा (sajjan singh verma) ने भी मुकेश झांझोट के नाम पर सहमति दी और कहा कि मुकेश झांझोट वर्षो से कांग्रेस के लिए जमकर मेहनत कर रहे हैं।
सांवेर आरक्षित सीट के वोट समीकरण की बात की जाए तो मुकेश झांझोट के पक्ष में 18 हजार वाल्मिकी वोटर्स और 80 हजार से ज्यादा अनुसूचित जाति समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। लिहाजा माना जा रहा है गुड्डू के लिए पंछी मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। वही पूर्व सीएम कमलनाथ के लिये मुश्किल ये भी है कि यदि वो वाल्मीकि समाज की मांग को दरकिनार करते है तो एक बड़ा वर्ग बीजेपी की ओर बगावती तौर पर जा सकता है। लिहाजा, सांवेर में फंसे पेंच ने कांग्रेस की ही मुश्किलें बढ़ा दी है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि कांग्रेस से गुड्डू सियासी पारी का दोबारा आगाज करेंगे या फिर युवा तरुणाई के रूप पंछी आसमान में उड़ान भरेगा। फिलहाल, सवाल तो कई है जिसको लेकर सियासत चरम पर है और अंदर की बात ये है कि मुकेश झांझोट (पंछी) तो कोरोना काल में सांवेर के किसानों और जनता से मुलाकात कर चुके है। इधर, सांवेर को नब्ज टटोली गई तो ये भी सामने आ रहा है कि लोग बदलाव चाह रहे हैं। लेकिन वो बदलाव क्या है और कैसे होना ये तो उपचुनाव बाद ही पता चल पाएगा। फिलहाल, बीजेपी से उम्मीदवार की तैयारी है लेकिन कांग्रेस में टिकिट को लेकर मगजमारी जारी है।