भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद पूर्व की शिवराज सरकार के कार्यकाल के दौरान के घोटाले सामने आना शुरू हो गए हैं। ई टेंडर घोटाले के बाद अब स्मार्ट सिटी घोटाला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक EOW ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है यह घोटाला पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल के दौरान हुआ है। इसकी चपेट में कई भाजपा नेता और IAS अफसर भी आ सकते हैं।
मध्य प्रदेश में लगातार घोटालों का खुलासा हो रहा है। व्यापमं घोटाले के बाद से लगातार प्रदेश में बडे पैमाने पर घोटाले सामने आ रहे हैं। ई टेंडर घोटाले में अभी भी कार्रवाई जारी है। इसकी जांच चल रही है। अब शिव’राज’ में हुए स्मार्ट सिटी घोटाले को लेकर भी विवाद हो सकता है। इस संबंध में घोटाले को लेकर कांग्रेस नेत्री शबिस्ता आसिफ जकी ने इसकी शिकायत EOW से की थी। शिकायत पर EOW ने घोटाले की जांच शुरू कर दी है। शबिस्ता ने घोटाले के कई सबूत भी EOW को सौंपे हैं।
ठेके से अधिक कर दिया भुगतान
रिपोर्ट के मुताबिक स्मार्ट सिटी के नाम पर भोपाल में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य करवाए जा रहे हैं। ऐसा ही निर्माण कार्य राजधानी में किया जा रहा है। शहर के पॉलीटेक्निक चौराहे से भारत माता चौराहे तक (डीपे चौहारा) तक स्मार्ट सिटी के तहत रोड का ठेका 31 करोड़ रुपए में दिया गया था। इसके लिए 27 करोड़ का वर्क आर्डर भी जारी किया गया था। जबकि एग्रीमेंट में कान्ट्रेक्ट वेल्यू किसी भी स्थिति में नहीं बढ़ाने की शर्त थी. अगर कांट्रेक्ट वेल्यू बढ़ती है, तो इसकी जिम्मेदारी कांट्रेक्टर की होती।
कांग्रेस ने इन नेता अफसरों की शिकायत
कांग्रेस द्वारा की गई शिकायत के आधार परर EOW ने तत्कालीन कलेक्टर छवि भारतद्वाज, चंद्रमौली शुक्ला, संजय कुमार, रामजी अवस्थी, उपदेश शर्मा, श्रीराम तिवारी के साथ महापौर आलोक शर्मा की भूमिका की जांच शुरू कर दी है.