भोपाल। मध्य प्रदेश मे आगले साल राज्य सभा की तीन सीटों पर होने वाले चयन को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योंतिरादित्य सिंधिया और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह एक बार फिर आमने सामने होंगे। दिग्विजय सिंह वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं। अप्रैल में खाली होने वाली तीन सीटों में से दो पर कांग्रेस के उम्मीदवार चयनित होंगे। कांग्रेस सिंधिया की नाराजगी को दूर करने के लिए उन्हें राज्य सभा भेज सकती है। वहीं, दूसरी सीट के लिए दिग्विजय सिंह को रिपीट किया जा सकता है।
दरअसल, मध्य प्रदेश की सियासत में दिग्विजय सिंह और सिंधिया के बीच तकरार जगजाहिर है। दोनों ही एक दूसरे के कट्टर विरोधी माने जाते हैं। लोकसभा चुनाव में दोनों ही कद्दानर नेताओं को हार का सामना करना पड़ा था। सिंधिया की हार के बाद उन्हें बड़ा झटका लगा था। क्योंकि यह सीट उनकी पारंपरिक सीट कही जाती है। आज तक इस सीट पर सिंधिया परिवार का कब्ज़ा रहा है।
अप्रैल में राज्यसभा से दिग्विजय सिंह, सत्यनारायण जटिया और प्रभात झा का कार्यकार पूरा हो रहा है। प्रदेश में बदले सत्ता समीकरणों और कांग्रेस और उसका समर्थन करने वाले विधायकों की संख्या को देखते हुए दो सीटे कांग्रेस के खाते में जाएंगी और एक भाजपा के। ऐसे में कहा जा रहा है कि एक सीट पर कांग्रेस से ज्योतिरादित्य सिंधिया और दूसरे रिक्त होने वाले स्थान पर दिग्विजय सिंह को रिपीट किया जा सकता है।
सिंधिया मध्य प्रदेश के चंबल इलाके में आई बाढ़ के समय वहां के गांव-गांव जाकर लोगों से मिले थे। अक्टूबर में सिंधिया ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को चार पत्र लिखे थे, जिसमें उन्होंने बाढ़ प्रभावित किसानों की मदद और प्रदेश की खस्ताहाल सड़कों के लिए जल्द काम करने की मांग की थी। नवंबर में सिंधिया ने दतिया के लोगों की समस्याओं के बारे में कमलनाथ को पत्र लिखा था। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री की इनमें से किसी भी पत्र का जवाब नहीं दिया।