नाराज़गी की चर्चाओं पर लगा विराम, कमलनाथ, सिंधिया साथ आए

भोपाल। प्रदेश में कांग्रेस सरकार की बनने के बाद से ही पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाराज होने की चर्चाएं होने लगी थी। इसको बल उस समय मिला जब सिंधिया ने ही कई बार अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए थे। इस सवाल के बाद तो यह भी चर्चा होने लगी थी कि मुख्यमंत्री कमल नाथ से सिंधिया खासे नाराज हैं, लेकिन इन अटकलों को कई बार सिंधिया भी नकार चुके हैं। रविवार को ऐसी खटास पर उस समय विराम लगा जब मुख्यमंत्री कमल नाथ के साथ दिल्ली से हवाई जहाज में सिंधिया साथ बैठकर ग्वालियर आए और यहां से हैलीकॉप्टर से जौरा विधायक बनवारीलाल शर्मा की अंत्येष्टि में शामिल होने पहुंचे।

विधानसभा चुनाव के दौरान सिंधिया ने खासी मेहनत की थी उसी की परिणाम था कि ग्वालियर-चंबल संभाग में कांग्रेस खासी मजबूत होकर उभरी थी। इसके बाद सिंधिया समर्थकों को यह लगने लगा था कि हाईकमान सिंधिया को मुख्यमंत्री बना सकता है, लेकिन जब कमल नाथ के नाम पर मुहर लगी तो समर्थक सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग करने लगे थे। इस मामले में सिंधिया से जब पत्रकारों ने सवाल किए थे तो उन्होंने एक ही जवाब दिया था कि जो हाईकमान आदेश करेगा उसका पालन किया जाएगा। इसके बाद अचानक ग्वालियर दौरे के समय सिंधिया ने कमल नाथ सरकार के निर्णयों पर ही सवाल उठाने शुरू कर दिए तो खटास की अटकलों को एक बार फिर हवा मिल गई और राजनीतिक पंडित कमल नाथ व सिंधिया के बीच खटास को लेकर कई तरह के सवाल खड़े करते हुए कहने लगे थे कि सिंधिया अपने समर्थक मंत्रियों व विधायकों साथ चर्चा कर रहे हैं। जब सिंधिया की नाराजगी की चर्चाएं जोरो पर होने लगी तो सिंधिया ने स्वयं इनको सिर्फ अटकलबाजी करार दिया था।


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