सत्ता में आते ही कांग्रेस दो फाड़, अब सिंधिया समर्थकों ने दिग्विजय पर लगाए आरोप

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मुरैना |  मध्य प्रदेश में गुटबाजी से पार पाकर कांग्रेस सरकार बनाने में तो सफल हो गई| लेकिन सत्ता म��ं आते ही एक बार फिर गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है ओर दिग्विजय और सिंधिया गुट खुलकर एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं| सुमावली विधायक एेदल सिंह कंषाना सहित जिले से एक भी मंत्री नहीं बनाने पर कांग्रेस में विरोध बढ़ता जा रहा है। सुमावली के ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मदन शर्मा ने गुरुवार को इस्तीफा देकर सिंधिया पर निशाना साधा था| अब शुक्रवार को ज्योतिरादित्य समर्थक 3 विधायकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिग्विजय सिंह पर सीधा हमला बोला और सत्ता में दखल देकर अपने बेटे को मंत्री बनाने का आरोप लगाया| 

मंत्रिमंडल में मुरैना से किसी को भी मंत्री नहीं बनाये जाने के बाद मचे बवाल से कांग्रेस दो फाड़ हो गई है| पहले दिग्विजय समर्थकों ने इसके पीछे सिंधिया की साजिश का आरोप लगाया था| अब शुक्रवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमा भी सक्रिय हो गया और ज़िला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश मावई, रघुराज कंसाना, गिर्राज दंडोतिया और कमलेश जाटव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की| जिसमे मावई ने आरोप लगाया कि ऐदल सिंह दिग्विजय खेमे से हैं | दिग्विजय सिंह ने पुत्रमोह में जिले की उपेक्षा की है| उन्होंने अपने बेटे जयवर्धन सिंह को मंत्री बनवाने के लिए ऐदल सिंह का नाम कटवाया है| इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम घसीटना गलत है| उन्होंने कहा कि सिंधिया जैसा नेता पूरे मध्य प्रदेश में नहीं है| क्षेत्र की जनता ने कांग्रेस को इसलिए वोट दिया ताकि सिंधिया मुख्यमंत्री बने| लेकिन उन्हें सीएम नहीं बनाया गया| राहुल गांधी के कहने पर सिंधियाजी ने पार्टी हित में कमलनाथ को समर्थन दिया| सिंधिया समर्थक ये नेता यहां तक बोल गए कि दिग्विजय सिंह की वजह से 15 साल पहले कांग्रेस हारी थी और अब जब सत्ता में वापस हुई है तो दिग्विजय सिंह फिर कांग्रेस को कमज़ोर करने का प्रयास कर रहे हैं| 

इससे पहले सुमावली के ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मदन शर्मा ने गुरुवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ को व्हाट्सएप पर अपना इस्तीफा भेज दिया। वहीं कांग्रेस नेताओं ने पत्रकार वार्ता की और वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी में मुरैना की उपेक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जनता ने विधानसभा चुनावों में ज्योतिरादित्य सिंधिया को नहीं, पार्टी को वोट दिया है। पत्रकार वार्ता में जिले के एक दर्जन वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अगर जनता सिंधिया की आवाज पर ही वोट देती तो शिवपुरी में कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ लढ़ा व विजयपुर में रामनिवास रावत क्यों हारते। जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष राकेश यादव, जिपं सदस्य अशोक सिंह सिकरवार, नगर निगम पार्षद बदन सिंह यादव, राजकुमार पाठक, बालकृष्ण शर्मा आदि कांग्रेसी नेता विरोध में खड़े हो गए हैं। इन नेताओं ने पत्रकार वार्ता कर कहा कि जनता ने कांग्रेस को जिले की छह विधानसभा सीट जिताकर 100 में से 100 नंबर दिए हैं। बावजूद इसके मुरैना जिले के किसी भी विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है। यह मुरैना जिले की जनता के साथ छलावा है। जिन कांग्रेसियों ने पत्रकारवार्ता बुलाई थी, उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक नहीं थे। यहां तक कि पार्टी जिलाध्यक्ष राकेश मावई सहित अन्य पदाधिकारी भी पत्रकार वार्ता से दूर रहे। इसके बाद शुक्रवार को सिंधिया समर्थकों ने पत्रकारवार्ता कर दिग्विजय सिंह पर गंभीर आरोप लगाए|  सत्ता मिलते ही कांग्रेस में अब गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है, जिसके चलते पार्टी में अंदरखाने घमासान मचा हुआ है| 


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