भोपाल। मध्य प्रदेश के मुरैना और ग्वालियर-चंबल अचल की गन्ना मिलों पर लंबे समय से ताला पड़ा है। जिससे यहां के मज़दूर बेरोजगार तो हुए ही उनका हज़ारों लाखों का बकाया भी मिल संचालकों द्वारा नहीं चुकाया गया। विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने जनता से वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद मिल को फिर से शुरू किया जाएगा। अब यही वादा पूरा करने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक पत्र लिखा है।
उन्होंने इस पत्र में सरकार को लिखा है कि पिछले 15 वर्ष के भाजपा शासन के दरम्यान कुप्रबंधन के चलते 2008-2009 में उक्त मुरैना के कैलारस नगर में मिल को घाटे में बताकर बंद कर दिया गया। तत्कालीन भाजपा सरकार ने मुरैना, श्योपुर, ग्वालियर, भिंड आदि जिलों के हज़ारों गन्ना उत्पादक किसानों एवं कैलारस शुगर मिल में कार्यरत सैंकड़ों कर्मचारियों के भविष्य की चिंता किए बगैर मिल को बंद करने का फैसला ले लिया। जो किसानों के साथ सरासर अन्याय था।
उन्होंने लिखा है कि इस मिल पर करीब 29 करोड़ रुपए की राश मिल प्रबंधन पर तमाम देनदारियों के रूप में बकाया हैं। जिसका भुगतान होना है। शुगर मिल के संचालन के लिए आवश्यक हो गया है कि मप्र सरकार उक्त राशि अनुदान के रूप में मिल प्रबंधन को प्रदान करे। इसके बाद मिल को पीपीपी मोड पर या पूर्व के अनुरूप सहकारिता के माध्यम से संचालित किया जा सकता है।