भोपाल। मध्य प्रदेश में 15 साल तक सरकार चलाने के बाद अब बीजेपी विपक्ष की भूममिका में हैं। कांग्रेस सरकार को छह महीने हो चुके हैं। ऐसे में नए मंत्रियों को किस तरह से घेरना है इसके लिए बीजेपी खास रणनीति तैयार की है। पार्टी बजट सत्र के दौरान ही शेडो कैबिनेट बनाने जा रही है। पूर्व सरकार में कद्दावर मंत्री रहे इस शेडो कैबिनेट में अहम जिम्मेदारी संभालेंगे। ऐसे में वे सवाल- जवाब के माध्यम से सरकार के नये मंत्रियों की कड़ी परीक्षा लेने की तैयारी में है।
इस मामले में मुख्य विपक्षी दल भाजपा में सहमति बन गई है। अब सिर्फ शेडो कैबिनेट को अंतिम रूप देना बाकी रह गया है। लेकिन फिर भी माना जा रहा है कि शेडो कैबिनेट में गृह विभाग से जुड़े मामलों में सरकार को घेरने की अगुवाई भूपेन्द्र सिंह करेंगे। वहीं कृषि विभाग से जुड़ मामलों के लिये गौरीशंकर बिसेन, सहकारिता के लिये विश्वास सारंग, ऊर्जा संबंधी मामलों के लिये राजेन्द्र शुक्ल जैसे दिग्गजों के कंधे पर होगी। इसके अलावा पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा सरकार को तकनीकी और विधायी नियमावली मामलों में घेरने की अगुवाई करेंगे। उनका साथ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा भी देंगे।
इधर राजस्व से जुड़े मामलों को लेकर कमल पटेल को जिम्मेदारी दी जा रही है, वे पहले प्रदेश के राजस्व मंत्री भी रह चुके हैं। इसी तरह लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग जैसे बड़े विभागों के लिये भी विपक्ष की शेडो कैबिनेट में सदस्य तय किये जा रहे हैं जो कि अपने विभाग से संबंधित मामलों की पूरी जानकारी और पड़ताल के साथ सदन में पहुंचेंगे और सदन में सरकार को बजट पर सामान्य चर्चा के अलावा विभागवार चर्चा के दौरान कटघरे में खड़ा करने की पूरी कोशिश करेंगे। विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव स्वयं पहले प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रह चुके हैं। ऐसे में वे अन्य मुद्दों के साथ इस विभाग के बारे में सरकार से सवाल-जवाब करते नजर आएंगे।