भोपाल।
मध्यप्रदेश में सियासी उठापटक के बीच शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार का रास्ता खुलता नजर आ रहा है। इसी को लेकर रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली पहुंचे थे। शिवराज सिंह चौहान के दिल्ली बुलावे के बाद यह बात तय हो गई थी कि जल्दी मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा लेकिन इसी बीच मामले में कुछ पेंच फंसता नजर आ रहा है। शिवराज से दिल्ली जाने के बाद अपने प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी अचानक दिल्ली पहुंचे हैं। इससे पहले मिश्रा ग्वालियर में थे और वहां से उनके भोपाल वापस लौटने की योजना थी। लेकिन इसी बीच अचानक दिल्ली से बुलावे के बाद वह सीधे दिल्ली पहुंचे हैं।
दरअसल शिवराज के मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्रियों के नाम पर अंतिम मुहर लगने से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच मुलाकात हुई थी।जहां माना जा रहा था कि सिंधिया खेमे के मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले नाम पर चर्चा की गई है। लेकिन माना जा रहा है कि मंत्री के नाम एवं विभागों की चर्चा में कुछ अड़चन है। जहां सहमति न बन पाने की वजह से नरोत्तम मिश्रा को दिल्ली तलब किया गया है।इधर मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना को देखते हुए मध्यप्रदेश का अतिरिक्त प्रभार मिलने के बाद आनंदीबेन पटेल के भी सोमवार को भोपाल आने की संभावना थी। जिसे अचानक से रद्द कर दिया गया। राजभवन द्वारा इस बात की जानकारी दी गई कि प्रभारी राज्यपाल सोमवार को भोपाल नहीं अा रही हैं।
बता दें कि वहीं से पहले रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत के साथ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नोएडा से मुलाकात कर चुके हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से भी मुलाकात हुई है। ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर दोनों ही ग्वालियर चंबल के बड़े नेता हैं। अब ऐसे में उपचुनाव में सबसे ज्यादा 16 सीट होने की वजह से मंत्रिमंडल विस्तार में वहां के मंत्री पद एवं विभागों के बंटवारे का कार्यान्वयन विशेष मुद्दा बना हुआ है। इसी बीच रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गृह मंत्री अमित शाह से भी बातें की थी जहां मंत्रिमंडल विस्तार के लिए दोनों नेताओं के बीच करीब 2 घंटे बातचीत हुई थी।