शिवराज सरकार ने एक बार फिर बदला कमलनाथ का फैसला, इन प्रावधानों में संशोधन

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश (aatmnirbhar madhya pradesh) के तहत लगातार प्रदेश के विकास पर जोर दिया जा रहा है। वहीं इस मामले में प्रावधानों में जरूरी संशोधन भी किए जा रहे हैं। अब एक बार फिर शिवराज सरकार (shivraj government) ने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के प्रावधान में संशोधन किया है।

दरअसल अब मध्यप्रदेश में अशासकीय संस्थाओं (NGO) को विधायक (MLA) विकास योजना के तहत राशि उपलब्ध करा सकेंगे। स्कूल भवन, अतिरिक्त कक्ष निर्माण, वाचनालय, पानी की टंकी, पाइपलाइन सहित अन्य सार्वजनिक कामों के लिए भी विधायक विकास निधि (MLA Development Fund) से राशि दे सकेंगे। बता दें कि पहले एनजीओ को विकास निधि देने का प्रावधान था लेकिन कमलनाथ सरकार (kamalnath government) ने सत्ता में आते ही इसपर प्रतिबन्ध लगा दिया था।

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जिसके बाद कुछ विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) को अशासकीय संस्थाओं को विकास निधि न देने पर हो रही परेशानी के बारे में बताया गया था। जिसके बाद शिवराज सरकार ने कमलनाथ सरकार के फैसले को बदलते हुए एनजीओ को निधि देने के प्रावधान में संशोधन किया है। इस मामले में विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया (Yashpal Singh Sisodia) का कहना है कि विधायक क्षेत्र के भ्रमण के दौरान निजी संस्थाओं के कार्यक्रम में जाते हैं। वहीं प्रदेश के विकास के लिए हर संस्था और समुदाय का विशेष ध्यान रखना होता है। जिस के विकास के लिए विकास निधि देने का प्रावधान है। जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा प्रतिबंध लगाया गया था।

हालांकि शिवराज सरकार ने इस योजना में संशोधन किया है। जिसके बाद विधायक पहले की तरह निधि पंजीकृत अशासकीय संस्थाओं को दे पाएंगे। गौरतलब हो कि विधायकों को निर्वाचन क्षेत्र विकास के लिए सालाना 1 करोड़ 85 लाख रुपए क्षेत्र के विकास के लिए दिए जाते हैं। जिसके बारे विधायक विकास निर्माण सही सार्वजनिक कार्यों के लिए भी राशि प्रदान करते हैं।


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