भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। किसान आंदोलन (Farmers Protest) और निकाय चुनावों (Municipal Election 2021) की हलचल के बीच मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की शिवराज सरकार (Shivraj Government) जल्द ही ‘मध्य प्रदेश वृक्षारोपण प्रोत्साहन विधेयक'(Madhya Pradesh Plantation Promotion Bill) लाने जा रही है।इसके तहत किसानों और अन्य को उनके खेतों और निजी भूमियों पर लगाए गए नए वृक्षों को बिना अनुमति काटने की छूट होगी तथा वे अपनी भूमियों में सभी प्रजाति के वृक्ष लगा सकेंगे।
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एक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वन विभाग का दावा है कि यह विधेयक लागू करने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य होगा और इससे किसानों की अतिरिक्त आय भी बढ़ेगी। इसको लेकर वन विभाग ने प्रारुप भी तैयार कर लिया है, इसे अब जल्द ही कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) में रखा जाएगा।हालांकि इसे मप्र विधानसभा (MP Assembly) के बजट सत्र (Budget 2021) में रखने की तैयारी थी, लेकिन कोरोना (Coronavirus) के चलते सत्र स्थगित हो गया और अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) के हरी झंड़ी मिलते ही पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
इस विधेयक के तहत वृक्षों से प्राप्त काष्ठ के परिवहन के लिए कुछ मामलों को छोड़कर टी.पी. से छूट दी जा सकती है।वही कानून में विधिवत अनुमति के बाद उत्पादक किसानों को आरा मशीन लगाने की छूट मिल सकती है।हालांकि वर्तमान में निजी भूमि पर खड़े पेड़ को काटने के लिए अनुविभागीय अधिकारी से अनुमति लेना पड़ती है।
सरकार का तर्क है कि इससे किसानों द्वारा अपने खेतों पर काष्ठ उत्पादन के लिए पेड़ लगाने, पेड़ काटने व परिवहन(transportation) की सुविधा देने से किसानों को लाभ होगा तथा स्वरोजगार में वृद्धि होगी। काष्ठ उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। काष्ठ उत्पादन बढ़ने से वनों पर काष्ठ चोरी का दबाव भी कम होगा।इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पिछले साल दिसंबर में एक बैठक भी ले चुके है।
बता दे कि वर्तमान में पेड़ काटने की अनुमति लेने के लिए 07 कानून है, जिनके चलते पेड़ काटने की अनुमति में किसानों आदि को बहुत दिक्कत आती है। पेड़ काटने की अनुमति तहसीलदार द्वारा वन विभाग की अनुशंसा पर दी जाती है, वहीं इमारती लकड़ी की टी.पी. वन विभाग द्वारा दी जाती है।
ये हो सकते है मध्य प्रदेश वृक्षारोपण प्रोत्साहन विधेयक में प्रावधान
- निजी भूमियों पर वृक्षारोपण के लिए सभी प्रजातियों के रोपण की खुली छूट।
- उगाए गए वृक्षों को किसी भी उम्र में, बगैर किसी अनुमति के काट सकेगा।
- अपने खेत/गांव में खुद का टाल स्थापित कर सकेगा जहां से काष्ठ की बिक्री इत्यादि कर सकेगा।
- खेत से टाल तक इमारती काष्ठ के परिवहन पर छूट दी गयी है।
- टाल में इमारती काष्ठ की प्रसंस्करण इकाई स्थापित कर सकने की सशर्त सुविधा।
- विनिर्दिष्ट वनोपज को भी काटने व टाल तक लाने की छूट।
- विनिर्दिष्ट वनोपज की शासकीय ई-पोर्टल के माध्यम से खेत अथवा टाल से ही बिक्री करने व स्वयं बोली स्वीकार करने तथा सीधे भुगतान लेने की छूट।
- वृक्षों से प्राप्त काष्ठ के परिवहन हेतु कुछ मामलों को छोड़कर टी.पी. से छूट।
- सभी प्रकार के परिवहन अनुज्ञा पत्र कृषकों को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से प्राप्त होंगे।