भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) का बड़ा बयान सामने आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्ट्रीट वेंडर योजना (Street vendor scheme) गरीबों के कल्याण की योजना है। छोटे व्यवसायी जो शहरों और गाँवों में रेहड़ी और सड़क किनारे गुमटी या ठेला लगाकर छोटा-मोटा व्यवसाय करते हैं, उन्हें आसानी से ऋण सहायता मिले, इसके लिए प्रयास बढ़ाये जायें। वही उन्होंने निर्देश दिए कि स्ट्रीट वेंडर्स को मिलने वाले बैंक ऋण की मंजूरी में विलंब न हो।
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दरअसल, आज बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के मुख्य महाप्रबंधक (मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़) (Madhya Pradesh Chhattisgarh) उमेश पांडे से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री चौहान ने स्ट्रीट वेंडर्स के लिए लागू ऋण योजनाओं की तत्परता से मंजूरी का आग्रह किया। विशेष रूप से स्व-निधि योजना, जिसे प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्म-निर्भर निधि भी कहा जाता है, पर विस्तार से चर्चा हुई। साथ ही मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना के प्रकरणों की स्वीकृति और योजना के क्रियान्वयन के बारे में भी बातचीत हुई।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वर्तमान में ऐसे प्रकरणों में स्वीकृति में देरी होने की शिकायतें कुछ जिलों से प्राप्त हुई हैं। लघु व्यवसाय से जुड़े जरूरतमंद लोगों को सरलता से ऋण राशि मिले, यह प्रयास बैंक शाखा स्तर पर किया जाये। साथ ही इन हितग्राहियों से प्राप्त ऋण की अदायगी भी हो, इसके लिए सरकार और बैंक (Bank) स्तर पर संयुक्त प्रयास किये जायें। इससे ऐसे हितग्राहियों को फिर से ऋण दिए जाने का कार्य आसान होगा। छोटे स्तर पर व्यवसाय करने वाले विक्रेता, ऋण से संबंधित मापदंड के तकनीकी पहलू नहीं जानते हैं। अत: बैंक स्तर पर उनकी शिकायतों को दूर किया जाना चाहिए।
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मुख्य महाप्रबंधक पांडे ने मुख्यमंत्री चौहान को आश्वस्त किया कि इस कार्य में विलंब नहीं हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा। भारतीय स्टेट बैंक मुख्यालय द्वारा छोटे व्यवसाइयों की ऋण योजनाओं की अविलंब स्वीकृति के लिए सभी बैंक शाखाओं को निर्देशित किया गया है। भारतीय स्टेट बैंक गरीबों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
उल्लेखनीय है कि पीएम स्व-निधि ऋण योजना (PM self financing loan scheme) के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में सभी राज्यों से आगे है। इसी तरह मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना (Chief Minister Rural Road Vendor Scheme) में भी अच्छे परिणाम प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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योजना में ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे-छोटे स्ट्रीट वेण्डर्स जैसे फल, सब्जी, आइसक्रीम, ब्रेड, बिस्किट विक्रेता, जूते-चप्पल, झाड़ू बेचने वाले, साइकिल रिपेयरिंग करने वाले, बढ़ई, कुम्हार, बुनकर, धोबी और टेलर्स आदि को 10-10 हजार रूपए का ब्याज रहित ऋण उनके कार्य के उन्नयन के लिए दिलवाया जाता है। क्रेडिट गारंटी राज्य शासन (State government) देता है। साथ ही स्टाम्प ड्यूटी (Stamp duty) भी नहीं लगती। योजना में 18 से 55 वर्ष की आयु का ग्रामीण पथ व्यवसायी लाभ ले सकता है।